सोमवार, 28 मार्च 2011

मिथिला के बेटी एक बेर फेर करलखिन माँ मैथिलि के मान ऊँचा

मिथिला के नाम एक बेर फेर रोशन करलखीन हुनकर बेटी, मिथिला के नाम के एक बेर फेर पूरा भारत में ऊँचा कए के प्रतिभा जी साबित कए देलक की अखनो तक मिथिला में प्रतिभा के कमी नए येमधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखंड के जरैल गाँव आ वर्तमान में स्थानीय बिनोदानंद झा कालोनी निवासी प्रतिभा कुमारी इग्नू द्वारा संचालित पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रुरल डेवलपमेन्ट कोर्स में प्रतिशत 71.74 अंक प्राप्त कए के  गोल्ड मेडल प्राप्त केलखिन येदरभंगा प्रक्षेत्र में गोल्ड मेडल पाबय वाली ई पहिल छात्रा ये जिनका ३ अप्रेल के संचार केंद्र,इग्नू कैम्पस,न दिल्ली में केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से हाथ सों गोल्ड मेडल आ प्रमाण पत्र देल जायत। शुरू से ही ओ बहुमुखी प्रतिभा के धनी रहथिन एम काम के परीक्षा में ६३प्रतिशत अंक आ डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन के परीक्षा में ७० प्रतिशत अंक प्राप्त केलखिन ये
 
मिथिला के नाम एक बेर फेर रोशन करलखीन हुनकर बेटी, मिथिला के नाम के एक बेर फेर पूरा भारत में ऊँचा कए के प्रतिभा जी साबित कए देलक की अखनो तक मिथिला में प्रतिभा के कमी नए ये
एता अहाँ के ई बताय दी की प्रतिभा जी मधुबनी जिला के जानल-मानल डॉक्टर शैलेन्द्र नाथ झा के पुत्रवधू ये। अखन प्रतिभा जी मिथिला विश्वविद्यालय से कामर्स से पीएचडी का रहल ये ओ अपन ई सफलता पर बहुत खुश ये आ अपन सफलता के श्रेय अपन श्वसुर आ सास के देय छथिन
 प्रतिभा जी के प्रतिभा के देखयत ते याह कहल जाय सकय ये की आब लोग बाग़ ई नै समझै की बेटी के बियाहक बाद हुनकर काज खाली चूल्हा चौका ही रही जाय ये,मुदा आब चूल्हा चौका के साथ-साथ एतबा पैघ उपलब्धि अपना आप में एकटा उदाहरण ये।

शनिवार, 26 मार्च 2011

बुझियोक मिथिला छैक...

देहरी के टांट पर जौं पानक लत्ती होए
ते बुझियोक मिथिला छैक...
दलानक मचान पर जौं तिलकोकर छत्ती होए
ते बुझियोक  मिथिला छैक...


जतेय मैटक करेज सों वैदेही जनमैय ये
जतेय याज्ञवल्क्य  कमंडल से अमृत छाल्कैत ये,

पान-मखान से पाहुँनक स्वागत होए
ते बुझियोक मिथिला छैक...
गामक गोप से जौं  मधुर छलके
ते बुझियोक मिथिला छैक...

जतेय माछक झोर से सोजन लगय ये
जतेय चक्का,तिलकोर से भोजन सजय ये

पग-पग पर जौं पोखरी होए
ते बुझियोक मिथिला छैक ...
घोर-घोर में जौं चौखरी होए
ते बुझियोक मिथिला छैक ...

शुक्रवार, 25 मार्च 2011

एकटा पत्र छोटका भाय के नाम......

सुने रे रानू लिखेय छौ भानु
हमर हाल छौ उत्तम,
तोहर हाल के हम नै जानी
भला करउ पुरुषोत्तम।

अपन गाम में छुटी गेलों ये,
हमर एकटा अंगा
ओ अंगा के कका लगाय के,
पठा दिए दरभंगा।

बड़की भौजी से तू कहिये
याद बहुत आबय ये,
हुनकर चक्का,सैजमन, आ तिलकौर
बड़ा भावय ये।

माय  से कहिये कानय ले नै
पूरा हेतय ईक्षा,
जल्दी हमहूँ बीडीओ बनबइ
पास करय दे परीक्षा।

मिरिया माय के हाल तू हमरा
सेहो अलग से बतहिये,
कनकिरबा कतबा टा बढलों
फोटो कोनो पठियेह।

कालेज के भए गेलों समय ये
समय के छो कनी तंगी,
माँ-बाबु ले गोर लगय छियो
घोर
एबउ हम जल्दी

मंगलवार, 22 मार्च 2011

हम अनचिन्हार छि......

अनकर मचान पर, मिथिला के दालान पर,
मिथिला के शान पर लिखय लए तैयार छि.
हम अनचिन्हार छि......

गामक गोप के, गामक लोग लए,

गामक भाषा में,परसय लए तैयार छि
हम अनचिन्हार छि......

मिथिला के रंग के, मैथिल के ढंग के,

मिथिला के मंच पे आनय लए तैयार छि,
हम अनचिन्हार छि......

मिथिला के गोप से, मैथिल के ढ़ोब से,

हम नै अनचिन्हार छि,
हम मैथिल राजकुमार छि.
हम 'झा' सुनील कुमार छि...

सोमवार, 21 मार्च 2011

काल भए जायत बिहार के ९९वर्ष आऊ मनाबी मिल के बिहार दिवस के लोकपर्व

होली के खुमार एखन उतरल नै हायत की एक बेर फेर बिहार मस्ती के रंग में रंगाबे लागत जी हाँ हम गोप कए रहल अछि बिहारक जन्मदिन के मंगल के दिन बिहार के ९९बर्ष पूरा भए जायत। शनि-रवि के लोग बाग होली के मस्ती में मस्त रहे आ सोम के दिन बांकी के पुआ पूरी सठेता की मंगल से फेर एकटा उत्सव के रंग में रंगेय ले तैयार भए जेता।

मंगल दिन २२तारीख के अपन बिहार पूरा २२ साल के भए जायत आ हम प्रवेश कए जायब बिहार के १००वां साल में। ई अवसर पर बिहार में तीन दिन तलक उत्सव के मनाबै के घोषणा माननीय मुख्यमंत्री जी केलखिन ये जाही में कईक तरहक कार्यक्रम सेहों होयत रहत

एते अहाँ सब के बता दी की अंग्रेजक जमाना में बिहार पाहिले बंगाल के हिस्सा रहे आ काल्ह की ही दिन यानी २२मार्च १९१२ के अपन बिहार बंगाल से अलग भए के अपन बिहार बनल एही दिन से हरेक साल २२ मार्च के बिहार दिवस के रूप में मनाओल जाय ये।ई बेर उत्सव मानबाई के लेल सब टा जिला के तीन-तीन लाख रुपया सेहों देल गेल ये। एतबे टा नै बिहार के गौरव के ई उत्सव के लेल देश आ विदेश में रहेय वला बिहारी आ बिहार
फाउंडेशन सेहो बिहार उत्सव के लेल कमर कैस लेले ये

मुख्य कार्यक्रम पटना के गाँधी मैदान में आयोजित हेताह आ जेकरा लेल बहुत दिने से सब गोटा तैयारी में लागल रहे।गीत-नाद के कार्यक्रम के साथै-साथ मनोरंजन के खूब निक जोंका व्यवस्था अछि जाही के साथ बिहारक लोग बिहार के भांति-भांति के व्यंजन के भी मजा लए सके छै।

ई मस्ती आ मज़ा पूरा तीन दिन तलक चलत। उत्सव के तैयारी के जोर शोर याह बात से पता लगाय ये की एकर तैयारी साल भैर पाहिले से शुरू भाय गेल रहे, तैयारी के देखेत एकटा बात ते साफ़ ये ई बेर होली के खुमार एतबा जल्दी नै उतरत।

शरीर से निकलय ये सूइयां !

ज्योतिष आ अन्धविश्वास दोनों के लिए ई ये एकटा अनबुझ पहेली, कियो नै पता लगाय पाय रहल ये की कोनाके सुई निकलय ये ज्योति के सरीर से
मोकामा के शिवनार गाँव के ज्योति कुमारी के घोरवाला आ डाक्टर के नज़र में ई कोनो अजूबा सब कम नै ये की एकटा सुई निकालय के बाद दोसर, आ दोसर निकालय के बाद तेसर सुई कोना हुनकर देह में आयब जाय छै।शरीर से निकलती हैं सूइयां!
अखन तक ज्योति के शारीर से दू टा सुइया निकायल जाय चुकल ये आर एक्स-रे रिपोर्ट में तेसर सुई के कंधा के पास हुए के पुष्टि भेल ये।डाक्टर सब हैरान छथिन कियाके ई हुनकर नज़र में कोनो बीमारी नै अछि। मुदा सवाल ई ये की अगर ई बीमारी नै अछि ते कोना के ज्योति के शरीर में सुइया आयब जाय ये।जाकर जवाब ककरो पास नै ये। ओ पिछला आठ महिना से ई असहनीय दर्द से गुजैर रहल ये आ ओकरा पते नै लाऐग रहल ये ई छिए की।

कैइकटा डॉक्टर हुनकर ईलाज केलखिन मुदा कोनो फायदा नै भेल. आब ते डाक्टर के दर्द के गोली भी कोनो असर नै करय ये. ज्योति के पिता अशोक मोची के ओ हालत नै ये की ओ ईलाज के ई खर्च के निक जोंका उठाय सके तखनो भी ओ यथसंभव कोशिश काय रहल ये।हुनकर परिजन भी ई कष्ट के देख के लाचार ये आ ओ भी ज्योति के कोनो मदद करय में अक्षम ये।

डाक्टर के दवाई से कोनो फायदा नै होइत देख ओ सब आब एकरा डायन के करतूत माने लागल ये. हुनकर सब के कहने ये की अगर गाम के भगत जी डायन के नाम बताय देताह ते डायन के जिन्दा नै रहेय ले देब. ज्योति के बहिन मधुमाला साफ़ कही रहल ये की हमर बहिन जे दर्द से गुजैर रहल ये हुनको याह सजा मिलतैय।

आब देखनाय ई ये की अगर हुनका निक चिकित्सा नै भेटथीन ते गामक लोग जरुर एकरा अंधविश्वास बूझे लागत आ ओ समय अगर सचमुच में भगत जी किनकरो नाम बताय देताह तो बेचारी के जान ते जरुरे ई सब गोटा मिल के लाय लेत. आब सरकार के चाही की ओ एकरा लेल अपन स्तर पर पहल कैर के ज्योति के निक चिकित्सा के व्यवस्था करे जाही सों गाम में अंधविश्वास के बढ़ावा नै मिल पाबय।

शनिवार, 19 मार्च 2011

होली के हार्दिक सुभकामनाये!


अहाँ सब ब्लॉग प्रेमी के हमर तरफ से होली के हार्दिक सुभकामनामाँ भगवती से प्रार्थना अछि की होली अहाँ समस्त लोगेन के जीवन में सुख आ समृधि के रंग भरय।

की अहाँ के पता ये........

आय जब समूचा देश होली के तैयारी में व्यस्त अछि ओही ठाम बहुते कम लोग जानेत ये हेबेय की बिहार के पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड के सिकलिगढ़ में अखनो तक ओ स्थान सुरक्षित ये जतय होलिका प्रहलाद के आपन गोद में बैसाय के जड़ेत चिता में बैस गेल रहे आ तखने ओतय भगवन नरसिंह के अवतार भेल रहे। जाही के बाद ओ हिरण्यकश्यप के संहार करलखिन रहे।

प्राचीन कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप के महल में भक्त प्रहलाद के रक्षा के लेल एकटा खम्भा से भगवान नरसिंह प्रकट भेलखिन रहे। भगवान नरसिंह के अवतार से जुडल ओ खंभा [माणिक्य स्तम्भ] आयों ओतेय मौजूद ये। कहल जाय ये जे ई स्तंभ के कएक बेर तोड़ए के कोशिश करल गेल मुदा ई झुक ते गेल लेकिन टूट नै सकल।

हिन्दू के धार्मिक पत्रिका 'कल्याण' के ३१वें वर्षक संस्करण में सिकलिगढ़ के विशेष रूप से विवरण देल गेल ये आ बतायल गेल ये की ई भागन नरसिंह के अवतार स्थल अछि।एतय अहाँ के बतेय दी की याह जगह से हिरन नामक नदी बहय ये। आ माणिक्य स्तंभ में जे छेद ये ओय में एकटा कंकर डालने से ओ ई हिरन नदी में आयब के गिरय ये।याह जगह पर भीमेश्वर महादेव के विशाल मंदिर ये। मानल जाय छै की हिरन्यकश्यप एतय बैस के पूजा करेत रहे।

प्रहलाद स्तंभ सेवा के लेल बनायल गेल प्रहलाद स्तंभ विकाश ट्रस्ट के अध्यक्ष बद्री प्रसाद शाह बताबय ये जे ई स्तंभ के जिक्र भगवत पुराण में भी ये।ई जगह के खाश विशेषता ई ये की एतय राख आ मिटटी से होली खेलल जाय ये कियाकि जखन होलिका जैर गेल रहे आ प्रहलाद चिता से सकुशल वापस आयब गेल रहे तखन सब लोग राख आ मिटटी एक दोसरा के लगाय के ख़ुशी मनोलक रहे तखने से होली के उत्सव प्रारंभ भेल।

ट्रस्ट के सचिव संजीव जे कहैत ये जे होलिका दहन के समय ४० से ५० हजार लोग एतय जमा होए ये आ जमके राख आ मैट से होली खेलेय ये। अखनो तक मिथिला में लोग रंग के साथ साथ मैट से होली खेलय ये।एतय पर महान संत मेंही दास के पैतृक निवास स्थान भी ये।

शुक्रवार, 18 मार्च 2011

होली पर शीला आ मुन्नी के गीत से पटल अछि बिहार...

फगुआ के रंग में रंगल ये सोंसे बिहार। ई बेर फगुआ में बिहार के जोश के की कही जिधर देखियो रंग,पिचकारी के दोकान आ होली के गीत से बाज़ार लकदक करए ये। जेम्हर देखियो उम्हरे सब होली के गीत में मस्त नज़र आयब रहल ये। खास कए के ई बेर शीला आ मुन्नी के गीत ते बाज़ार में खास कए के बवाल मचोने ये। ई गीत एतय फूहड़ आ अश्लील ये की किछ कहल नै जाय .............
कनी गीत के बोल पर ध्यान दियो...
१) शीला की जवानी - पप्पू है रंगीला, प्रेमी नीला पिला...........
२) मुन्नी बदनाम हुई - होली में लाल हुई ओ सैयां तेरे लिए-3,बालम खेले होली करे ठिठोली भींगी चोली रे........
३) टिंकू जिया - गरमा गरम रंग डाले पिया हा लल्लू पिया,लाज बदन मेरा जड़ सा दिया........

एकर कारोबार एतय बढल जाय रहल अछि की कहनाय मुहाल ये लेकिन एकटा सत्य इहो ये की जा तक कीने वला के हाथ नै रुकते एकर कारोबार एहना चलैत रहते।एहनो नै ये की सभ्य समाज एकरा से वंचित ये छुप-छुप के ओ सब भी ई गीतक मज़ा लए से नै चुकै ये मुदा आमना सामना नै होए ये किछु समाज में अपन रुतबा आ किछु इज्ज़त के ख्याल कए के..........

सूरीनाम'आयल बिहार, निवेशक के खोज में...........

बिहार के लोगेन के लेल एकटा निक खबर ये।करैबियाई देश सूरीनाम के भारत में राजदूत किशनदत्त बैजनाथ गुरवार के पटना आयल रहे।ओ आपन देश में निवेश करय के लेल बिहारी नेवेशक के आमंत्रित करय ले आयल रहें।

ओ बिहार
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सेमिनार हॉल में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से बिहार के निवेशक के अपन देश में निवेश करय के लेल आमंत्रित करलकई प्रजेंटेशन में ओ अपन देश के उधोग,पर्यटन आओर संस्कृति के बारे में बतेलक।आ बिहारी सब से आग्रह केलक जे विश्व के मानचित्र पर एक बेर सूरीनाम के तरफ भी ध्यान दियो।

भारत आ सूरीनाम से अपन रिश्ता के बारे में ओ बतेलक जी हमहूँ बिहारी मूल के छि आ बिहार से हमार बहुतेक याद जुडल ये।ई मौका पर बिहार
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र पी.सिन्हा, सुभाष कुमार पटवारी, सुबोध कुमार के साथै पैघ संख्या में उधमी मौजूद रहें

गुरुवार, 17 मार्च 2011

जापन में आयल जलजला से सबक लए के जरुरत ये बिहार

जापान में आयल जलजला से सब सबक लए रहल ये, एही दिशा में बिहारक विकाश पुरुष मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वेबसाईट,प्रतीक चिन्ह आऔर टेबल कैलेंडर के विमोचन के अवसर पर कहलखिन " पटना भूकंप के हाई रिस्क जोन में पड़ता है। अगर पटना में रिएक्टर स्केल 6.7 पर भूकंप आता है, तो पटना में कम से कम 5 लाख लोगों की जान जाएगी और अगर जापान जैसा भूकंप आ गया तो यहां कुछ भी नहीं बचेगा"ई मौका पे ओ जापान में आयल भीषण भूकंप के लेल संवेदना व्यक्त करलाह आ १ मिनट के लेल मौन राखलखीन। ओ कहलखिन जे भूकंप से बचाव के लेल नीति बनाबेई ले पडत आ ओकरा पर निक जोंका काज करय ले परत जाही में प्राधिकरण हुनकर हर संभव मदद देत

नागरिक परिषद के होयत गठन:
नीतीश कुमार जी  कहलखीन जे थाना स्तर पे नागरिक परिषद का गठन होतय जकरा में आपदा प्रबंधन के रिसोर्स पर्सन भी तैनात हेता। भूकंपरोधी मकान बनबाक लेल ट्रेनिंग राज-मिस्त्री के दय ले पडत आ पुरान मकान के भूकंप से बचाबै के लेल रेट्रो-फिटिंग करबाबै ले पडत


ई मौका पे आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु कुमारी, उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी, सचिव सत्यनारायण अओर बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अनिल कुमार सिन्हा जी भी मौजूद रहे


ई बार हाएत भीषण जल संकट
बुधवार के नितीश कुमार जी कहलखिन जे ई वर्ष भीषण जल संकट आबय वाला ये
। जकरा लेल अखने से तैयारी करय के पडत। आबय वाला किछु दिन में गाम -गाम में पानी के किल्लत होए वाला ये, मुदा चिंता के गोप नै ये राज्य सरकार इनकर तैयारी में लाग गेल ये

ओ कहलखिन जे आपदा प्रबंधन विभाग के एकरा लेल सचेत कए देल गेल ये
। जरुरत पडला पे गाम -गाम तक पैन के टैंकर पहुंचायल जायतओ कहलखिन के जरुरत से ज्यादा पानी के खर्च भविष्य में मुश्किल खड़ा कए देत। ताहि लेल एखने से जल संरक्षण के बारे में सोचे पडत

भूकंप के खतरा के बारे में कहलक जे लोग के जागरूक होए के पडत
। लोग-बाग भूकंप रोधी मकान के खाली कागज़ बनाय ले ये जे की निक गोप नै अछि। धोखा ककरा दए चहिये सच्चाई के सामना करू। मौका पडला पे हम सब के मिल के काज करय पडत

कटोरा वाला हाथ आब थामत बकरी के डोरी.........

जे हाथ में रहेत रहे कटोरा ओ हाथ में आब डोरी रहत। मोतीपुर गाँधी ग्राम कुष्ठाश्रम में रहे वाला परिवार भीख से मुक्ति के रास्ता खोज लेलक ये।आब ई बस्ती के लोग कटोरा छोड़ी के बकरी पालय के संकल्प नेने ये। पहिल चरण में दस परिवार बकरी पालत तकर बाद हुनकर संख्या बढ़त। बुधवार के एकर विधिवत शुरआत गाँधी कुष्ठाश्रम के संस्थापक सोमेश्वर दुबे के देख रेख में शुरू भेल। मुख्य अतिथि नगर पंचायत के उपाध्यक्ष बेबी गुप्ता जी रहे ओ कहलखिन जे समाज में हरेक आदमी के सम्मानजनक जीवन जिए के हक़ ये आ कुष्ठ बस्ती के लेल ई निक पहल ये। हम अपन स्तर पर ई बस्ती के विकाश के लेल पहल करब। स्तर रीच ऑफ़ इंडिया के सौजन्य से एक लाख पैसठ हज़ार के लागत से तीन दर्जन बकरी आ दू टा बकरा खरीदल गेल जाकर कुष्ठाश्रम के दस परिवार के दस टा महिला के देल गेल देखल जाय ते बिहार के लेल ई निक पहल ये एकरा से एकते भिखारी सब आत्मनिर्भर हायत आ भीख मांगे से मुक्ति भेटत आ साथ ही साथ बिहार के विकाश में सहयोग सेहो देत। देखनाय ई ये की ई कदम पब्लिसिटी के लेल ये या अंत तक हुनकर साथ देता आब ई ते आगाँ पता लागत मुदा जे भए रहल ये ओकरा ते नीके कहल जेता

बुधवार, 16 मार्च 2011

ममता दीदी आ जाट आन्दोलन केलक ममता दीदी आ जाट आन्दोलन केलक मिथिला के आपन गाम मिममता दीदी आ जाट आन्दोलन केलक ममता दीदी आ जाट आन्दोलन केलक मिथिला के आपन गाम मिथिला के आपन गाम थिला के आपन गाम घोर से दूर होली पे नै भेटाय रहल ये गाम जाय के लेल टिकट

फागुन के खुमार चढ़े अपन परवान पर रहे जिधर देखियो रंग आ पिचकारी के दोकान लागल ये गुलिया बुच्ची सब दौड़-दौड़ के ओए दोकान से एय दोकान पर जाय रहल ये, सब ई फ़िराक में ये की कोन दोकान पर निक चीज़ भेटाय जायत. जेम्हर देखू उम्हरे रंगे-रंग देखे पड़य ये, चारो कात सररा सररा सररा के मस्ती में डूबल गीत आ भाँग के मस्ती में डूबल होलिबा के नाच से मोन आनंद के दुनिया में घुसी रहल रहे की तखने...............................बाबूजी जोड़ से चिल्लेलखिन यो बाऊ उठू  ने भोर भाय गेल ये, टिकट आनय ले नै जेबेय. मस्ती के खुमार एकै झटका में उतैर गेल, फटाफट उठलों मुंह-कान धोय के गेलों स्टेशन के दिस टिकट आनय ले। भीड़ देखि के करेजा मुंह में आयब गेल, आधा किलोमीटर से बेसी लम्बा लाईन लागल रहे। जेहना तेहना खाड़ भेलो ओ भीड़ में की मनोज झाजी के भी आगाँ में खाड़ देखलों नमस्कार पाती भेल, मनोज भाई दरभंगा के टिकट लेय ले आयल रहे मुदा भीड़ के देख के हुनकरो हालत ख़राब भेल रहे। ८ बजे से खाड़ भेल २ बजे टिकट काउंटर पर पहुँचलौ ते टिकट काटय वाला बाबूजी कहलक की ३५७ वोटिंग ये। आँख के आगाँ ट्रेन के ओ भीड़ भड़क्का द्रीष्य घुमे लागल.....चिल्ल पों......एक दोसर पर चढ़ल.....बच्चा के कानय के आवाज आ बहुत किछु एके मिनट में देखायल चैल गेल. टिकट काटय वाला बाबूजी के आवाज पर ध्यान बटल " भाई साहब लेना है या नहीं अगर नहीं लेना है तो साइड में आओ दुसरो को भी मौका दो" हिम्मत नै भेल हां करय के । आ भारी मोन से घोर दिस चललों बाबूजी गेटे पर कुर्सी लगाय के बैसल रहे  शायद गाम जाय के हुनको जल्दी रहे आर हुए भी किये नै पर्व त्यौहार पे ही गाम जाय के मौका भेटाय ये आ ओ ई मौका के छौडै ले नै चाहेत रहे। गेट पर पुछला बाऊ टिकट भेटल........आब की कही आँख नोरा गेल........कहलों बाबूजी टिकट नै लेलों बड वोटिंग रहे। हमर हिम्मत नै भेल अहाँ सब के ले के ओ भीड़ भड़क्का में सफ़र करय के माफ़ कैर दियो। बाबूजी के हमर नोराल आँख देखाय पैर गेल रहे ते दुवारे तखन ते किछ नै बाजला लेकिन भीतरे भीतर हुनका बड कचोट होयत रहे की गामक होली नै देख सकलोंई हाल बाबूजी आ हमरे टा नै मुदा हजारों लोक के छनि जे गाम-घर सं दूर दिल्ली...मुम्बई... हरियाणा आओर पंजाब दिस रहय छथिन्ह. पहिने जाए के मोन नहि छलन्हि आब भेलन्हि त टिकट नहि.

मंगलवार, 15 मार्च 2011

मैथिलि रस संग झुमल मिथिला

  विशाल मैदान, विशाल मंच आ श्रोता के विराट उपस्थिति में मैथिल समाज रहिका के द्वारा मधुबनी मिडिल स्कूल के मैदान में तिन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व के तेसर आ अंतिम दिन मैथिलि गीत संगीत के महाकुम्भ में गीत के साथै साथ नाच प्रस्तुत क के कलाकार सब भोर तक श्रोता के भोर तक बंधाल राखलक,
मिथिला रत्ना आ मैथिलि के प्रशिद्ध लोक गायक कुंज बिहारी मिश्र के ले आ तालबद्ध महाकवि विद्यापति के रचित गोसाउनी गीत जे मिथिला के राष्ट्र गान ये  - जय जय भैरवी असुर भयाउनी के दमकोउया प्रस्तुति शुरू में ही दर्शक के ऐना बांध लेलक की ओ भोर तक अपन ठाम ही हिल नै सकल। एकर बाद श्री मिश्र जी पाहून सबहक स्वागत में - मंगलमय दिन आजू हे पहुना गाई के हुनकर स्वागत करलक।ओकर बाद ते बहुत पैघ संख्या में पहुंचल कलाकर सब अपन सुर आ संगीत से एहन समां बाँधलक की श्रोता सब मिथिला के रस में डुबकी लगाबय से अपना आप के रोक नै सकलखिन।
मिथिला के गौरव आ पहिल मैथिल फिल्म में अपन गीत दै बला स्व. महेन्द्र झा के गीत के साथ साथ विद्यापति के कठिन गीतों के भी अपन आवाज में पिरोय के गावेए वाला सुरेन्द्र प्रसाद यादव  विद्यापति द्वारा रचित - माधव कट तोरा करब बड़ाई - के ऐना गौलक की लोग मंत्रमुग्ध भे गेल। ओकर बाद बारी आयल मिथिला में रफ़ी के नाम से प्रसिद्ध प्रेम सागर के धमाकेदार - दय दीअ बंगला गाड़ी हमरो शहर में - के प्रस्तुति श्रोता सब के ताली बजाबय पे मजबूर के देलक।
मिडिल स्कूल के विशाल मैदान में खचाखच भरल श्रोता के सामने अगला प्रस्तुति दय ले आयल महज पांच सालक छोट उमर से मैथिल समाज रहिका के मंच से अपन गायन कला के प्रस्तुति दय वाली १६ वर्षीय पूनम मिश्र विद्यापति के गीत - मोरा रे अंगनवा चनन केर गछिया, ताहि तर कुररय काग रे - के बाद मैथिलि झूमर - कोनो रे मासे राजा हेराईए गेलै ननदों - के झमकौआ प्रस्तुति श्रोता के नाचय पे मजबूर काय देलक।प्रसिद्ध हास्य कलाकार राम सेवक ठाकुर के संचालन में ई सांस्कृतिक समागम में राजनीत रंजन - जई ठाम सब दिन आ धन लक्ष्मी-प्रसिद्ध गीतकार आ कवी संकपिया के द्वारा रचित पैर धरती पर स उडी अम्बर छुबी रहल छै - के सफल प्रस्तुति देलका। तकर बाद ते मिथिला के पूत सब अपन अपन गायन के प्रस्तुति से लोगें सब के मन मोह लेलक, आ भोरका पहर तक श्रोता के उठय ले ने देलका।
कार्यक्रम के शुरू हुए से पहले रहिका के बीडीओ विजय कुमार के संस्था के सचिव शीतलांबर झाजी पाग आ दोपट्टा देय के सम्मानित कएलखिन।ओतय गायक सुरेन्द्र कुमार यादव के महेंद्र झाजी सम्मान प्रदान कएलखिन।कार्यक्रम के अध्यक्षता मैथिल समाज, रहिका के अध्यक्ष पूर्व मंत्री राज कुमार महासेठ कएलखिन आ स्वागत समारोह के संचालन संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रकांत झा ललन जी कएलखिन।
ओना जे कहियो समय समय पर एहन कार्यक्रम मैथिल समाज में एकटा नबका जाग्रति लाबय ये एकटा नवचेतना सेहों फैलावे के साथ साथ ई सन्देश दए ये की मिथिला आ मैथिल के लिए लोग रात रात भैर चौराहा पर खड़ा भए सके ये। जय मिथिला- जय मैथिलि।

शनिवार, 12 मार्च 2011

रौशनी हो गर खुदा को मंजूर, आंधियो में भी चिराग जला करते हैं"


"रौशनी हो गर खुदा को मंजूर,
                                    आंधियो में भी चिराग जला करते हैं"
कहे छै जखन हौसला बुलंद हुए.प्रयास ईमानदार हुए, आ किछ कैर गुजरे के तमन्ना हुए ते, परिस्थिति चाहे कोनो हुए मंजिल हुनकर पांव छुए लय ये! ई गोप दोनों हाथ से विकलांग आनंद कुमार दास पर सटीक बैठे ये! आनंद इंटर के परीक्षार्थी ये आ मधुबनी के वाटसन विद्यालय में इंटर के परीक्षा देय रहल ये, ओ ई केंद्र पे मीडिया, शिक्षक, अभिभावक आ छात्रों सब के आकर्षक के केंद्र बनल ये आ प्रेरणा स्त्रोत ये ! जे भी हुनका देखय ये बरबस हुनकर मुंह से निकैल जाय ये वाह आनंद वाह! अहाँ के जवाब नए ये।
परीक्षा में बैसल दोसर परीक्षार्थी के साथ हुनकरो एके ते मिशन ये सौ फीसदी प्रश्न के समय सीमा में हल करनाय।
                        आनंद पडौल प्रखंड के नाव्हाद गाँव के निवासी अछि।ओ स्थानीय जे एन कालेज के इंटर कला के परीक्षार्थी ये। कपाडक दोष कहियो आ किस्मत आ विधि के विधान के १९९६ में हुनकर पिताजी के साया हुनकर कपाड से उठ गेल। ओकर वावजूद ओ अपन धैर्य नै खोलक,हिम्मत नै हारलक आ आपन पढाई कय जारी राखलक।पिताजी के गुजरै के सात सालक बाद २००३ में करेंट के चपेट में आयब जाय के कारन ओ अपन हाथ गवां बैठल। मगर हौसला बुलंद कुछ कैर गुजरै के तमन्ना के कारन अपन पढाई नै छोडलक आ २००८ में मैट्रिक के परीक्षा में द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण भेल। आ मधुबनी इंटर कालेज में इंटर कला के दाखिला लेलक।
                              
    हुनकर कहनाय ये जे ओ आगाँ बैढ़ के समाज के लेल आईना बनब।मुदा दुखद गोप ई ये की हुनकर मदद के लेल नै ते प्रशासन आगाँ आयब रहल ये ना ही समाज।

बुधवार, 9 मार्च 2011

डायन कहय पर भेटत ३ सालक सश्रम कारावास के सजा

आब ओ दिन लैद गेल ये जखन कोनो महिला के डायन कहीके निर्वस्त्र क के घुमायल जाय रहल रहे! बदलैत बिहार में आब नै महिला सब आत्मनिर्भर भ गेल ये मुदा आपन ऊपर होए रहल हिंसा के भी प्रतिकार कए रहल ये!
घरेलू हिंसा के गिरैत ग्राफ आओर डायन कही के महिला के निर्वस्त्र क के घुमायल जाय के परंपरा से निजात मिलनाय ई बातक पुख्ता करय ये की महिला सब के आब घूँघट के देहरी के लाँघ केर प्रतिकार करय लेल आयब गेल ये! अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौका पर सदर थाना सुपौल में भेल डायन प्रथा प्रतिमेध अधिनियम पे आयोजित भेल विचार विमर्श में ओ गूंज आगाँ आयल देखल गेल जेकर उपेक्षा सुशाशन के सरकारक से करल जायत रहै।
महिला दिवस पर महिला के जोश के देखि के टा शेर याद आयब गेल
            "ओ खुद तय करय ये मंजिल आसमान के
             चिड़िया के नै देल जाय ये पोथी उड़ान के"

विमर्श कए संबोधित करैत स्थानीय व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता सारंग कुमारी बतौलक जे  राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण के लेल काफी गंभीर ये। मुदा सरकारक मंसूबा के कामयाब बनाबै के लेल हमरो सब के आपन नजरिया में बदलाव लाबय के पडैत!ओ घरेलू हिंसा और डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम के कानूनी जानकारी दैत बतेलक की सूबा में १९९९ से ही डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम लागु ये !ई अधिनयम के तहत अगर कोनो गाम में कोनो व्यक्ति के डायन कैह के संबोधित करल जाय ये ते हुनका ३ महिना के सश्रम कारावास के प्रावधान ये ! एतने टा नै अगर कोनो महिला के डायन कही के शारीरिक आ मानसिक कष्ट पहुंचाबै ये ते हुनका १ सालक सश्रम कारावास के प्रावधान ये!
ओ बतेलक जे महिला पर होएत घरेलू हिंसा के रोकय के लेल ते ढेर कानून बैन गेल ये मुदा ओकरा तोडै के लेल ढेर उपाय ढूंढ़ लेल गेल ये! ताहि लेल ई परिवर्तन के दौर में कानुनक भूमिका ओतय कारगर नै ये जेतय सामाजिक भूमिका! ई मौका पर निक संख्या में महिला जुटल रहे ताहि साथ महिला कल्याण से जुडल लोग सब भी मौजूद रहे!

सोमवार, 7 मार्च 2011

बिहार के नवादा में दादा आऔर पोता एके साथ देय रहल ये हाई स्कूल की परीक्षा....

बिहार के लोगेन के लेल के टा हैरतंगेज आ मज़ेदार समाचार ये, दादा आ पोता साथ बैठी के द रहल ये मैट्रिक के परीक्षा!

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा राज्यभर में आयोजित भ रहल मैट्रिक के परीक्षा में एहन नज़ारा देखय लेय भेटत जतय दादा आ पोता दोना एके साथ देय रहल ये मैट्रिक के परीक्षा!
नवादा के गनौरी राम शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय परीक्षा केंद्र पर ५२ वर्षक रामप्रसाद आपन मैट्रिक के परीक्षा तै दइये रहल ये संगे संग हुनकर पोता १४ वर्षीय राहुलो परीक्षा द रहल ये!

खेती बारी के काज करय वाला परीक्षार्थी रामप्रसाद कहैत ये जे हम सुनलो ये जे पढय के कोनो उमर नै होए ये.
शुरू शुरू में जखन ओ बिना मैट्रिक पास कहाबे के लेल मैट्रिक  के परीक्षा दै के लेल सोचलक तै गाँव वाला के अटपटा लागल मुदा अखन आब हुनका गर्व महसूस भ रहल ये !हुनका मैट्रिक  पास करय के सपना बहुते दिन से रहे!
ओ कहय ये जे शिक्षा ग्रहण के करय के अधिकार ते सबके ये चाहे ओ कोनो उमर हुए ! ओ ई परीक्षा के लेल बहुत मेहनत करलक ये आ हुनकर दावा ये जे ई परीक्षा में ओ निकगर अंक से पास हायत!
ईमहर, हुनकर पोता भी आपन दादा के साथ परीक्षा द के खुश भ रहल ये, कहय ये जे आब हुनकर तीनो पीढ़ी मैट्रिक पास कहलायत !

ईमहर परीक्षा केंद्र के केंद्राधीक्षक एस़ प्रजापति भी एकरा सही कदम बताबय ये, ओ कहे ये जे रामप्रसाद के प्रवेश कार्ड में हुनकर जन्म तिथि १ दिसम्बर १९५७ ये जे की एक टा निक पहल ये !
आब एता गोप ई ये जे ई रामप्रसाद जी के पहल ये या सुशासन के सरकार के कारण ई भ सकल ये बुढबो के मोन लागे लागल पढाई पे !

सरकारी अस्पताल में ईलाज क रहल ये रसोइया!

बिहार में जंगल राज ते ख़तम भ गेल ये मुदा अखनो किछु एहन घटना होए ये जाकर लेल हम सब सोचय ले मजबूर भ जाय चहिये, टटका उदहारण ये भागलपुर- जाकर पुलिस लाइन अस्पताल में एकटा रसोइया डॉक्टरक काज का रहल ये! डॉक्टरक कमी के चलते हुनका ओ काज देल गेल ये जाकर ओ निक जोंका निभाय रहल ये!
ओ डॉक्टर साहब छथिन विष्णुकांत मिश्र, पुलिस लाइंस में चतुर्थ वर्गक कर्मचारी सह रसोइया ये, मुदा डॉक्टर के आभाव में ओ मरीज के ईलाज क रहल ये!
विष्णुकांत जी मरीज़ के दवा के साथ साथ हुनकर महरम-पट्टी आओर
इंजेक्शनो देबै के काज करय ये. ओही ठाम मरीज को कुंनू दोसर विकल्प नै रहबाक कारण ओ सभ भी मजबूरी में हुनका सा इलाज करबाबै ये!

सप्ताह में पांच दिन डॉक्टर के भूमिका में रहै वाला विष्णुकान्त जी की दवाओं के नाम रटल ये! आ हुनका पुलिस लाइन के मेनू भी याद ये !

आब विष्णुकांत जी के की कही ओ ते सरकारक भूमिका से हैरान ये आ ओतेय ई जिम्मेदारी राज्यक पुलिस अस्पताल के खोलली व्यवस्था के कलई खोलै ये !

शुक्रवार, 4 मार्च 2011

बिहार में खुलत अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के केन्द्र


बिहार के मानव संसाधन विकास विभाग अलीगढ मुलिम विश्वविद्यालय के लेल २५० एकड़ जमीन देबई के फैसला लेलक ये ! एएमयू केन्द्र बिहार के किशनगंज में खुलत, तय लेल सबटा कार्यवाही पूरा भ गेल ये !
एएमयू के कुलपति प्रो पीके अब्दुल अजीस आS बिहार के विकाश पुरुष माननीय मुख्यमंत्री नितीश कुमार जी के संगे भेल वार्ता में ई फैसला लेल गेल! जाही लेल ओ कहलखिन जे भूमि आवंटन में मुख्यमंत्री जी के सक्रिय भूमिका रहल जाकर लेल ओ धन्यवाद् के पात्र ये!
प्रो पीके अब्दुल अजीस भारत सरकारक के मानव संसाधन विकाश विभाग से किशंगज केंद्र के लेल टोकन राशी का मंजूर करबाक अनुरोध करलक ये!
बिहार में भूमि आवंटन के खबर के विश्वविद्यालय समुदाय के लोगेन सब स्वागत करलखिन आ कहलखिन जे पश्चिम बंगाल, केरल आऔर बिहार सरकारक लेल ई क्षेत्र में एहन केंद्र खुलले स एही समाज  मुख्य शैक्षिक धारा से जुटत आ शिक्षा के क्षेत्र में कई गुना सुधार हायत!
                        आ ओनो भी बिहार में ई केंद्र के खुलला से पिछड़ा वर्ग के आधुनिक सिक्षा के राह आसन भS गेल ये !आ बिहार सरकार भी आपन विकाश के वादा का पूरा का रहल ये ! आब ई देखल जाओ की ई कदम मुस्लिम वोटर के आपन और आकर्षित करै के लेल ये आ सही में विकाश के लेल..............ई तS आगाँ देखल जायत !

गुरुवार, 3 मार्च 2011

'अमेरिको के नज़र में बिहार ये डायनामिक'

अमेरिकी सरकार भी अब बिहार का लोहा मान रहल ये। भारत में अमेरिकी दूतावास में मिनिस्टर काउंसिलर फार पालिटिकल अफेयर उजरा जेया मानत ये कि भारत तेजी से विकास कैर रहल ये आऔर एकरा में  बिहार के  पैघ भूमिका अछि।
ओ कहलखिन जे बिहार आ भारत में जे गतिविधि भ रहल ये ओ २१ वीं सदी के प्रभावित करत। ओ कहलखिन जे बिहार के कइकटा डाक्टर, इंजीनियर, वकील, कलाकार एहन ये जे बिहार के झंडा पूरा दुनिया में बुलंद क रहल ये ।
एतबे टा नै मुजफ्फरपुर की लीची, हाजीपुर का केला आ दीघा का मालदह
सोंसे दुनिया में प्रसिद्ध अछि।
ओ कहलखिन जे १९९० के दसक में शुरू भेल आर्थिक सुधार के बाद भारत तेजी से विकास क रहल अछि। आ उम्मीद करल जाय रहल ये की २०२५ तक भारत विश्व के तेसर सबसे पैघ अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित हायत| जाही में आइटी उधोग के पैघ योगदान रहत, बतायल गेल ये जे आईटी उधोग के सफलता में बिहारी कंप्यूटर इंजीनियर के भूमिका सबसे महत्वपूर्ण ये।
बिहार से जुड़ल ये जेया
भारत में अमेरिकी दूतावास में कार्यरत उजरा जेया का परिवार बिहार से ही अमेरिका के फ्लोरिडा में जाकर बसल ये। 1990 में विदेश सेवा में योगदान करै के बाद से ओ  फ्रांस, ओमान, सीरिया, मिस्र में काम करालखिन। जुलाई 2009 से ओ भारत में अमेरिकी दूतावास में कार्यरत अछि। अंग्रेजी के आलावा हुनका स्पेनिश, अरबी व फ्रेंच भाषा पर भी निक जोंका पकड़ ये। मुदा आपन माटी के खुशबू से ओ दूर नै ये आ हिंदी भाषा पे भी निक जोंका पकड़ ये|

"मानवता के मिशाल बनल सहरसा के पुदीन"

दहेज़ के दीवार के तोइड के सहरसा के पुदिन राखलखिन अनाथ के संगे विवाहक प्रस्ताव | कुसहा के त्रासदी में अनाथ भेल नीलम जल्दे बनत दुल्हन| जायत,धर्मं, आ साम्प्रदाय से कनी ऊपर उठ के पुदीन राखलक विवाहक प्रस्ताव, हुनकर प्रस्ताव के अनाथ आश्रम स्वीकार करैत १३ मार्च के विवाहक दिन तय केलक| जाही में बेन्ड बजा के साथ नीलम के डोली में बेसबाक योजना बनल अछि|
                        कुसहा बांध के टूटै के बाद आयल भीषण त्रासदी में आपन माँ बाप स बिछरल१९ वर्षीय  लड़की सहरसा में भेटल रहे, जाकर आंकाक्षा अनाथ आश्रम में शरण भेटल| आपान नाम आ पता बताबै से असमर्थ ओ लड़की के अनाथ आश्रम में एकटा नबका नाम भेटल 'नीलम ' | अनाथ आश्रमक संचालक पाहिले ते लड़की के माँ बाप के खोज करलक मुदा जखन कोनो जानकारी नै भेटल तै जवान होयत नीलम के विवाहक चिंता सताबे लागल, कइयो टा अनाथ आश्रम में विवाह के लेल प्रस्ताव भेजल गेल जाही के बाद सोनवरसा कचहरी के धकजरी ग्रामक निवाशी २५ वर्षक 'पुदीन कुमार उर्फ़ सुधीर यादव' विवाहक प्रस्ताव राखलक जाकर स्वीकार करै के बाद लेख्य प्रमाणक के माध्यम सों सपथ पत्र बनाओल गेल | जाही में कहल गेल की आपन मर्ज़ी आ परिवारक सहमती सों हम ई विवाह क रहल छि आ पति के धरम आ समाजीक रूप सों हरदम हम एही बंधनक निर्वाह करब पुदिन जी कहलक जे आखिर ई अनाथ कता जायत याह सोइच के हम ई विवाहक प्रस्ताव रखलाहूँ| किसानक परिवार में जनमल पुदिन के दहेजो से कोनो लोभ नै अछि| अनाथ आश्रमक के संचालक शिवेंद्र कुमार दूल्हा के बाराती के साथ आबय लेल  कहेथ छेथ|
                         नीलम के कन्यादान बाल अधिकार संरक्षण परिषद पटना के सदस्य अर्पणा सिंह करत ओ कहलखिन जे १३ मार्च के विवाहक तिथि तय कायल गेल आ हिन्दू रीती रिवाज सों नीलम के विवाह कायल जायत जाही में जिला के सबटा पैघ अधिकारी के नौत देल जायत| पुदिन के ई कदम के जतेई भी तारीफ़ करल जाय ओ कम हायत मुदा हम ते याह कहब की अखनो कल मिथिला आ मैथिल के पास ओ करेजा ये जकरा लेल मिथिला के आय धेर गुमान ये |

'महाशिवरात्रि के लेल हार्दिक शुभकामना'


अहाँ सबटा ब्लॉग प्रेमी के हमरा तरफ से महाशिवरात्रि के लेल हार्दिक शुभकामना, भगवन भोले से अहाँ सबहक स्वास्थ आ ख़ुशी का कामना करैत आहें के छोटका भाई
सुनील कुमार झा
'मिथिला महान'