सोमवार, 13 अगस्त 2012

शिक्षा क मजबूत व्‍यवस्‍था आ डराइत सत्‍ता

उच्च शिक्षा लेल जाहि प्रकार स बिहार मे हंगामा मचल अछि आ केंद्रीय विश्वविद्यालय लेल जाहि प्रकार स राज्‍य आ केंद्र मे तनाव देखल जा रहल अछि, इ सब सोचबा लेल मजबूर क रहल अछि जे की सही मे बिहार कहियो शिक्षा क केंद्र छल आ की बिहार फेर शिक्षाक केंद्र भ सकैत अछि? की नालंदा स जे यात्रा शुरू भेल छल ओ यात्रा नालंदा पर जा कए रूकत या आगू बढत। की ‘बेरोजगार पैदा करबाक क फैक्ट्री’ क नाम स मशहूर भ चुकल बिहारक विश्वविद्यालय रोजगार क बाट देखेबा मे कामयाब होएत। फेर स ओहि मुकाम तक पहुचबा लेल इ बुझब बेसी जरूरी अछि जे हम ओहि मुकाम स नीचा कोना आबि गेलहुं। की बिना ओ कारण बुझने बिहार मे शिक्षा क विकास क नारा देनिहार शिक्षा क क्षेत्र मे बिहार कए फेर स अगिला पांति मे ढार क सकताह। किछु एहने सवालक उत्‍तर तकैत हमर (सुनील कुमार झा क ) इ शोधपरक आलेख अछि जे इ बुझबा मे मददगार होएत जे बिहार मे कोना कालखंड क संग शिक्षा क स्‍तर खंडित होइत गेल।…. मोडरेटर
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बिहार, ओ जमीन जाहि ठाम सत्‍ता अस्‍त्र-शस्‍त्र स बेसी ज्ञान स बदलैत रहल अछि। चाणक्‍य होइत बा महेश ठाकुर एहि जमीन पर कईटा एहन उदाहरण अछि जाहि स इ प्रमाणित होइत अछि जे सत्‍ता हथियार स नहि ज्ञान स पाउल जाइत अछि। एहन मे समाज मे ज्ञान क प्रसार सत्‍ता लेल हरदम खतराक कारण रहैत अछि। बहुत लोकक मानब अछि जे मगध कए मूर्ख बना ओकरा पर राज करबाक नीतिक तहत सन् 1123 मे बख्तियार खिलीजी नालंदा विश्वविद्यालय कए बर्बाद क बिहार क शिक्षा क संस्कृति कए तबाह करि देने छल। मुगल हुए बा अंग्रेज या फेर आजाद भारत मे लोकतांत्रिक नेता सब शिक्षा कए केवल गर्त मे ल जेबाक काज केलथि। अंगुरी पर गिनबा योग्‍य नाम भेटत जे बिहार मे शिक्षा लेल किछु केलथि बा करबाक प्रयास केलथि।
बख्तियार खिलीजी क इ नीति एतबा कारगर साबित भेल जे बंगाल जीतलाक बाद अंग्रेज सेहो एहि इलाका पर ओकर नीति कए जारी रखलक। बागी बिहार मे शिक्षा क विकास काफी कम गति स भेल जाहि स बिहार देशक आन हिस्‍सा स पाछु होइत गेल। 1608 मे जखन ईस्ट इन्डिया कम्पनी क फरमान लकए अंग्रेज हाकिन्स भारत आयल छल तखने ओकरा एहि जमीनक इतिहास बता देल गेल छल। 1813 मे जारी कंपनी चार्टर क अनुसार देशज भाषा आ विज्ञान क विकास लेल पैघ राशि जारी भेल, मुदा बिहार क राशि कए कलकत्‍ता, बांम्बे आ मद्रास रेजिडेंसी कए देल गेल। यूरोपिय ज्ञान आ अंग्रेजी पढाई लेल बिहार मे केवल एकटा स्‍कूल क चयन भेल, जे भागलपुर स्‍कूल छल।
1835 मे राजा राम मोहन राय आओर लॉर्ड मैकाले स प्रभावित भ लॉर्ड बेंटिक बिहार मे अंग्रेजी शिक्षा कए बढाबा देबा लेल प्रयास केलथि। बिहारशरीफ आ पूर्णिया मे अंग्रेज़ी शिक्षा केन्द्र क स्थापना भेल। अंग्रेजी कए बढाबा देबा लेल एकर जानकार कए सरकारी नौकरी मे राखए जा लागल। 1854 मे बिहार मे शिक्षा क प्रगति लेल अंग्रेज एकटा कमेटी गठित केलक जाहि स शिक्षा क उन्नति पर कार्य हेबाक छल, मुदा एकरा दुर्भाग्य कहल जाए या किछु आओर 1857 क क्रांति क बाद फेर ओ कमेटी दिस ककरो ध्‍यान नहि गेल। लोक लड़ाई क बीच पढाई कए बिसरैत गेल।
ओना दरभंगा महाराज उत्‍तर बिहार लेल अपन स्‍तर स अंग्रेजी स्‍कूल खोलबाक योजना तैयार केलथि। जेकर बावजूद 1899-1900 क दौरान बिहार मे अवर प्राथमिक स्‍कूलक संख्‍या महज 8978 छल। पटना विश्‍वविद्यालय सेहो 1917 मे जा कए स्‍थापित भ सकल।
आजादीक बाद राजनेता सेहो अंग्रेज क राखल नीव पर महल ढार करबाक स पाछु नहि रलाह। उपर स राजनैतिक अराजकता आ मुख्‍यमंत्री क आवाजाही क सबस बेसी असर शिक्षा पर देखल गेल। शिक्षाक स्‍तर मे समतलीकरण एहन भेल जे पटना विश्वविद्यालय जे देशक सातम पुरान विश्वविद्यालय छी, ओकर गरिमा तक ख़त्म भ गेल। आजादीक बाद बिहार मे शिक्षा पर पहिल पैघ चोट भेल केबी सहाय युग मे। 1967 मे केबी सहाय शिक्षा लेल ‘’सब धन 22 पसेरी’’ क फार्मूला अपनेलथि। सहाय बिहार क प्राथमिक स ल कए उच्‍च शिक्षा तक कए तहस-नहस क देलथि। इ बिहार मे आजादी क बाद शिक्षा लेल सबस खराब समय कहल जा सकैत अछि। ओ राज्‍य मे नव विश्‍वविद्यालय खोलबाक संगहि ओकरा लेल निजी कालेज कए आंखि मूंदि कए सरकारी मान्यता दैत गेलाह। एहि प्रकार स ओ कॉलेजक प्रतिष्‍ठा कए गर्त मे खसा देलथि। हुनक एहि नीति कए बाद मे जगन्‍नाथ मिश्र अंतिम मुकाम तक ल गेलाह। ज्ञात हुए जे केबी सहाय क कार्यकाल स पहिने बिहार मे केवल दूटा यूनिवर्सिटी छल। हुनक कार्यकाल मे भागलपुर, रांची आ मगध यूनिवर्सिटी बनल। एहि विश्‍वविद्यालय लेल ओ निजी कॉलेज सब कए एक दिस स सरकारी मान्यता दैत गेलाह, जाहि स कॉलेज क बीच अंतर मिटाइत गेल आ नीक कॉलेज सबक स्थिति सेहो दोयम दर्जा क होइत गेल।
कॉलेज आ विश्‍वविद्यालय मे अराजकता आ गुंडागर्दी संयुक्त विधायक दल सरकार आ बिहार आन्दोलन क दौरान शुरू भेल। 1969 मे परीक्षा क दैरान चोरी करबाक मांग करि रहल छात्र कए जिगर क टूकडा कहि सत्‍ता पर पहुंचल महामाया प्रसाद बिहार मे पहिल बेर गैर कांग्रेसी सरकार क मुखिया भेलाह। हुनक मंत्रिमंडल मे समाजवादी पार्टी क नेता कर्पूरी ठाकुर शिक्षा मंत्री बनलाह। ओ एकटा अजीब सन आदेश पारित केलथि जेकर नासूर एखन धरि बिहार कए कना रहल अछि। ओहि आदेशक अनुसार मैट्रिक मे पास करबा लेल अंग्रेजी अनिवार्य विषय नहि रहल। ताहि समय मे लोक “पास विदाउट इंगलिश” कए कर्पूरी डिविजन नाम देलक फलतः शिक्षा मे अंग्रेजी क स्तर एतबा खसल जे आइ धरि बिहारक छवि ओहि स अपना कए दूर नहि क सकल अछि।
ओना 1972 मे जखन कांग्रेस क केदार पाण्डेय क सरकार बनल त ओ शिक्षा क स्‍तर उठेबाक प्रयास केलथि आ महामाया बाबूक जिगर क टुकडा सब कए सुधारबाक लेल किछु कठोर निर्णय लेलथि। पांडेय सरकार विश्वविद्यालय क जिम्मा अपन हस्तगत कैल आ सख्त आईएएस अधिकारी कए कुलपति आ रजिस्टार क पद पर बहाल केलक। एकर असर सेहो भेल। विश्वविद्यालय स गुंडाराज खत्म भेल। परीक्षा आ कक्षा बंदूक क साया मे सही मुदा सुचारू भेल। बिहार मे शिक्षा क संस्कृति पटरी पर लौट रहल छल, तखने केंद्र राजनीतिक मजबूरी मे केदार पांडेय कए मुख्‍यमंत्री पद स हटा देलक। एकर बाद संपूर्ण क्रांति क दौर आबि गेल आ विश्‍वविद्यालय अध्‍ययन स बेसी राजनीतिक मंच भ गेल। शिक्षा क सबटा व्यवस्था संपूर्ण क्रांति मे ध्‍वस्‍त भ गेल।
बिहार मे अगर शिक्षा क समाधी बनेबाक श्रेय ककरो देल जा सकैत अछि त ओ जगन्नाथ मिश्र क नाम होएत। जगन्नाथ मिश्र कहबा लेल कनिक कनिक दिन लेल तीन बेर मुख्‍यमंत्री भेलाह, मुदा हुनक नीति पीढी क पीढी प्रभावित करबा योग्‍य रहल। ओ केबी सहाय क नीति कए आगू बढबैत जाहि कॉलेज लग भवन तक नहि छल तेहन कॉलेज सब कए सरकारी घोषित क विश्‍वविद्यालय पर बोझ बढा देलथि। संगहि नीक आ अधलाह मे अंतर एतबा मिटा देलथि जे कोनो कॉलेज अपना कए कम आंकबा लेल तैयार नहि रहल। उपर स उर्दू कए दोसर राजभाषा क दर्जा द भाषाई शिक्षा कए राजनीतिक रंग सेहो प्रदान क देलथि। बिहार देश क पहिल राज्य भ गेल जाहि ठाम दोसर राजभाषा कए मान्‍याता भेटल।
डॉ साहेब स प्रसिद्ध जगन्‍नाथ मिश्र अपन तीनू कार्यकाल मे शिक्षा विभाग कए अपन राजनीति स्‍वार्थ क पूर्ति लेल उपयोग केलथि। हुनकर कार्यकाल मे शिक्षण संस्‍थान राजनीतिक अखाडा भ गेल। डा मिश्र टूटपुन्जिया कालेज सब कए विस्वविद्यालय क मान्यता दिया ओकर शिक्षक सब कए मनचाहा नीक कॉलेज मे पदसथापित करा देलथि। जाहि स प्रतिष्ठित कॉलेजक पढाई प्रभावित भेल। दोसर यूनिवर्सिटी बिल मे संसोधन करि कए बिहार क युनिवेर्सिटी सबहक पहचान ख़त्म क देलथि। नवका यूनिवर्सिटी बिल मे कोनो यूनिवर्सिटी क कर्मचारी कोनो यूनिवर्सिटी मे अपन स्थानांतरण करवा सकैत अछि। जग्ग्न्नाथ मिश्र अपने सबस पहिने एहि बिल क फायदा उठेलाह। ओ बिहार विश्‍वविद्यालयक एलएस कॉलेज स अपन तबादला पटना विश्‍वविद्यालयक बीएन कॉलेज मे करा लेलथि। एकर संगहि अपन किछु खास लोकक तबादला सेहो मनपसंद कॉलेज मे करबा देलथि। एहि संशोधन स छोट कॉलेजक शिक्षक पैघ कॉलेज मे चल गेल, मुदा ओहि स बेसी खतरनाक इ रहल जे बहुत अयोग्‍य शिक्षक बढिया कॉलेज मे जा ओकर प्रतिष्‍ठा कए खत्‍म क देलथि। एहन बहुत शिक्षक नीक कॉलेज पहुंच गेलाह जे कहियो न कक्षा लेने छलाह आ नहि प्रयोगशाला गेल छलाह। एहि स योग्‍य शिक्षक सब मे तनाव बढ़ब शुरू भेल आ ओ पढेनाई कम करैत गेलाह। जगन्‍नाथ मिश्र क कार्यकाल कुर्सी तबादला लेल सेहो प्रसिद्ध अछि। हुनकर कार्यकाल मे जखन कोनो नीक कॉलेज मे शिक्षक लेल जगह नहि रहैत छल त आन कॉलेज लेल आवंटित शिखक कोटा मे स एकटा पद ओहि प्रसिद्ध कॉलेज कए द देल जाइत छल। एहन उदाहरण देशक कोनो आन राज्‍य मे भेटब मुश्किल अछि।
1969 स 1990 तक बिहार मे शिक्षा एतबा गर्त मे पहुंच गेल छल जे लालू लेल बहुत किछु करबाक स्‍कोप नहि रहल। ओ चरवाहा विद्यालय क रूप मे दलित समाज क लोक कए आगू उठेबाक काज केलथि, हुनक नारा छल- घोंघा चुनने वालों, मूसा पकड़ने वालों, गाय-भैंस चराने वालों, शिक्षा प्राप्त करो । मुदा हुनकर इ योजना सेहो राजनैतिक अस्थिरता आ सत्ता परिवर्तन क कारण खटाई मे चल गेल। शिक्षा क हालत बद स बदतर होइत गेल। लालूक राज मे विद्यार्थी पलायन एकटा नव शब्‍द आयल। उदारवाद क बाद रोजगारपरक शिक्षा लेल बिहारक छात्र आन राज्‍य लेल पलायन शुरू केलक, जाहि स बिहार कए पैघ आर्थिक क्षति सेहो भेल।
2005 मे नीतीश राज आयल। विकास क नाम पर भेटल वोट स नीतीश सब क्षेत्र मे विकासक गप केलथि। उम्‍मीद जगल जे शिक्षा क क्षेत्र मे सेहो विकास होएत। मुदा पिछला सात मे शिक्षा क क्षेत्र मे कोनो खास काज नहि देखा रहल अछि। शिक्षकक नियुक्ति त भ रहल अछि, मुदा शिक्षाक स्‍तर नहि सुधरि रहल अछि, बल्कि एकटा एहन शिक्षित जमात पैदा भ रहल अछि जे मूर्ख होएत।
कुल मिलाकए महामाया प्रसाद स ल कए नीतीश कुमार तक पालतुकरण क नीति अपनाकए विश्वविद्यालय कए अपन राजनैतिक चारागाह बना रखने छथि। आंकडा पर गौर करि त 1970 स ल कए 1980 क बीच बिहार मे शिक्षा लेल सबस बेसी नीतिगत फैसला लेल गेल। एहि दौरान राज्‍य मे आठ टा सरकार बनल आ सात टा राज्‍यपाल बदलल गेल। चारि बेर राजभवन स सत्‍ता क केंद्र बनल। एहि कालखंड मे केवल पटना विश्‍वविद्यालय मे 11टा कुलपति नियुक्‍त कैल गेलाह। कुल मिला कए कियो स्थिर रूप स कतहु नहि काज क सकल। एहि दौरान शिक्षा मे व्याप्त राजनीति आ गुंडाराज कए देख कए जानल मानल शिक्षाविद डॉ वीएस झा एतबा धरि कहला अछि जे बिहार मे महाविद्यालय स्थापित करब एकटा लाभप्रद धंधा अछि बशर्ते संस्थापक राजनैतिक बॉस हुए या जनता क नज़र मे ओकर छवि एकटा दबंग क रहए।
बिहार मे वर्तमान शिक्षा : 25 हजार करोड स बेसी जा रहल दोसर राज्‍य
वर्तमान शिक्षा क अगर गप करि त उच्च शिक्षा लेल बिहार भारत मे एकटा एहन राज्‍यक रूप मे जानल जाइत अछि जाहि ठामक विद्यार्थी पर बाहरी राज्‍यक गैर सरकारी संस्थान अपन गिद्ध दृष्टि जमौने रहैत अछि। एकटा अध्यन मे इ दावा कैल गेल अछि जे सब साल बिहार स लगभग 25 हजार करोड टका बाहर जा रहल अछि। अध्‍ययन क मुताबिक उच्च शिक्षा लेल प्रतिवर्ष एक लाख छात्र बिहार स बाहर जाइत छथि। महाराष्ट्र, राजस्थान आ कर्नाटक सन राज्‍यक आर्थिक मजबूती मे बिहार स गैल टका एकटा महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा बनि चुकल अछि। इ स्थिति तखन अछि जखन भारत क दसटा प्राचीन विश्वविद्यालय मे स तीनटा बिहार मे खंडहर बनल अछि। अध्‍ययन क अनुसार रहब, खाइब, पहिब आ अन्‍य मूलभूत सुविधा पर आन राज्‍य मे भ रहल खर्च कए छोडि दी त प्रति छात्र 70,000 टका सालाना ( जे कि किछु राज्‍य क इंजीनियरिंग मे प्रवेश लेल सरकारी फीस अछि) क हिसाब स 700 करोड़ होइत अछि (ज्ञात हुए जे एकर अलावा संस्थान डोनेशन क नाम पर सेहो काफी चंदा वसूल लैत अछि) बिहार स बाहर चल जाइत अछि। एकर अलावा प्रवेश दियेबाक नाम पर शिक्षा क दलाल क उगाही अलग अछि। बिहार स किछु एतबे राशि कोचिंग, गैर सरकारी संस्थान आ पब्लिक स्कूल क लेल सेहो बाहर जा रहल अछि। ओना आंकडा बता रहल अछि जे एखन धरि ए‍ि कोचिंग संस्थान मे ( एकाध कए छोडि दी त) कोनो छात्र राष्ट्रिय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोनो प्रतियोगिता मे अव्‍वल नहि आबि सकलाह अछि। सरकारी संस्थान क अगर गप करि त एहि मे स ज्यादातर भगवान् भरोसे अछि। किछु मे त व्यवस्था नहि त किछु मे शिक्षक नहि। राज्य क कईटा कॉलेज मे चलि रहल बीसीए पाठ्यक्रम लेल कंप्यूटर विभाग क अपन लैब तक नहि अछि। कईटा विभाग मे लैब अछि मुदा ओ बस नाम लेबा लेल, ओहि मे कोनो सामान नहि अछि। किछु एहने हाल पुस्तकालय सबहक अछि। बिहार क सब विश्वविद्यालय कए अपन पुस्तकालय रहबाक गौरव त अछि मुदा ओकर हालत बद स बदतर भ चुकल अछि। हवादार कोठली क त गप छोडू धुल धूसरित आलमारी सब स पुस्‍तक निकालबाक प्रयास करब कठिन अछि। कईटा किताब फाटल अछि त कईटा पढबा योग्‍य नहि रहल। नव किताब क खरीद क त गप जुनि करू। किछु सोधार्थी आ दान क फलस्वरूप किछु पुसतक नव भेट सकैत अछि। उच्‍च शिक्षा क प्रसारक हालत इ अछि जे मिथिला विश्‍वविद्यालय क बंटवारा भेलाक बावजूद आलम इ अछि जे मधेपुरा जिले मे स्थापित बी.एन. मंडल यूनिवर्सिटी असगर पाँचटा जिला कए बोझ उठेने अछि।
एक दिस देश क तकनिकी आओर उच्च शिक्षा क हजारटा संस्थान मे ओम्बुड्समैन क नियुक्ति हेबाक केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री क घोषणा एखन मूर्त रूप नहि ल सकल अछि। जे शिकायत क निपटारा आ भ्रष्‍टाचार कए रोकबा मे मदद करत आ दोसर दिस केंद्रीय विश्वविद्यालय आ आईआईटी कए ल कए ओ राजनीति सेहो क रहल छथि जाहि कारण स एहि मे देरी भ रहल अछि जे चिंता क विषय अछि। एहन में केंद्र आ राज्‍य सरकार कए बिहार मे शिक्षा पर ध्यान देबाक चाही वर्ना बिहार मे विकास क रफ़्तार जाहि तेजी स बढि रहल अछि ताहि स कदमताल अगर शिक्षा क विकास नहि करत त इ विकास कखनो औंधे मुँह खसि सकैत अछि।


साभार - इसमाद.कॉम

बुधवार, 1 अगस्त 2012

पहिल विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान- श्री नवेन्दु कुमार झा केँ


विदेह सम्मान
- श्री नवेन्दु कुमार झा केँ पहिल "विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान



"पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल समदिया http://esamaad.blogspot.in/  अगस्त २०११ सँ सभ मास "ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" सम्मानक घोषणा कएल जा रहल अछि। -समदिया- पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक-सूचना-सम्पर्क-समाद पूनम मंडल आ प्रियंका झा।

- सालक अन्तमे सर्वश्रेष्ठ मैथिली पत्रकारिता लेल ऐ १२ टा देल सम्मानमे सँ सर्वश्रेष्ठ श्री नवेन्दु कुमार झा केँ पहिल "विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान" देल जएबाक घोषणा भेल।

-दोसर चक्रक लेल अगस्त २०१२ सँ सभ मास "ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" सम्मानक घोषणा कएल जाएत।  अगस्त २०१३ मे हएत दोसर "विदेह पत्रकारिता सम्मान"क घोषणा।



"ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" 


जुलाइ २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री   सुजीत कुमार झा  - जुलाइ २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री     सुजीत कुमार झा  केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/07/blog-post_6412.html लेल देल गेल अछि ।

जून २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री   रूपेश कुमार झा "त्योँथ" -  जून २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री    रूपेश कुमार झा "त्योँथ"  केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/06/blog-post_04.html लेल देल गेल अछि ।


मइ २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री  अमरनाथ झा -  मइ २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री   अमरनाथ  झा   केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/05/blog-post_21.html लेल देल गेल अछि ।


अप्रैल २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री  नवेन्दु कुमार झा -  अप्रैल  २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री  नवेन्दु कुमार झा   केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/04/blog-post_389.html लेल देल गेल अछि ।


मार्च २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री आशीष अनचिन्हार -  मार्च २०१२  क सभसँ नीक समदिया-  मार्च २०१२   क सभसँ नीक समदिया  श्री आशीष अनचिन्हार  केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/03/blog-post_8433.html लेल देल गेल अछि ।


फरबरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया श्री सरफराज सिद्दीक पप्पू फरबरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया- फरबरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया श्री सरफराज सिद्दीक पप्पूकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/02/blog-post_05.html लेल देल गेल अछि।

जनवरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया नवेन्दु कुमार झा
जनवरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया-  नवेन्दु कुमार झा केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/01/blog-post_3943.html लेल देल गेल अछि।


दिसम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया राम भरोस कापड़ि भ्रमर
दिसम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया- राम भरोस कापड़ि भ्रमरकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.com/2011/12/blog-post_4671.html लेल देल गेल अछि।


नवम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया विनीत उत्पल
नवम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया- विनीत उत्पलकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.com/2011/11/vinit-utpals-rti-application-dated.html लेल देल गेल अछि।



अक्टूबर २०११ क सभसँ नीक समदिया एक बेर फेरसँ नवेन्दु कुमार झा
अक्टूबर  २०११ क सभसँ नीक समदिया- एक बेर फेरसँ नवेन्दु कुमार झाकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट  http://esamaad.blogspot.com/2011/10/blog-post_14.html लेल देल गेल अछि।



सितम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया-नवेन्दु कुमार झा
सितम्बर  २०११ क सभसँ नीक समदिया- नवेन्दु कुमार झाकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट  http://esamaad.blogspot.com/2011/09/blog-post_01.html लेल देल गेल अछि।



अगस्त २०११ क सभसँ नीक समदिया- उदय चटर्जी
अगस्त २०११ क सभसँ नीक समदिया- उदय चटर्जीकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर मिथिलाक विकाससँ सम्बन्धित समाद http://esamaad.blogspot.com/2011/08/blog-post_26.html लेल देल गेल छन्हि।



विदेह सम्मान
-मैथिली नाटक/ संगीत/ कला/ मूर्तिकला/ फिल्मक समानान्तर दुनियाँक अभिलेखन आ सम्मान सेहो हएत विदेह सम्मानक घोषणा द्वारा

-ई घोषणा दिसम्बरक अन्त वा जनवरी २०१३ मे हएत
-मैथिली नाटक/ संगीत/ कला/ मूर्तिकला/ फिल्मक समानान्तर दुनियाँक अभिलेखन आ सम्मान कएल जाएत
-विदेह नाट्य उत्सव २०१३ क अवसरपर प्रदान कएल जाएत ई सम्मान।"



विदेह सम्मान
समदिया- पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल।विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक-सूचना-सम्पर्क-समाद पूनम मंडल आ प्रियंका झा।

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नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक सदस्यता (नेपाल देशक भाषा-साहित्य,  दर्शन, संस्कृति आ सामाजिक विज्ञानक क्षेत्रमे  सर्वोच्च सम्मान)

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक सदस्यता
श्री राम भरोस कापड़ि 'भ्रमर' (2010)
श्री राम दयाल राकेश (1999)
श्री योगेन्द्र प्रसाद यादव (1994)

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान मानद सदस्यता
स्व. सुन्दर झा शास्त्री

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान आजीवन सदस्यता
श्री योगेन्द्र प्रसाद यादव



फूलकुमारी महतो मेमोरियल ट्रष्ट काठमाण्डू, नेपालक सम्मान
फूलकुमारी महतो मैथिली साधना सम्मान २०६७ - मिथिला नाट्यकला परिषदकेँ
फूलकुमारी महतो मैथिली प्रतिभा पुरस्कार २०६७ - सप्तरी राजविराजनिवासी श्रीमती मीना ठाकुरकेँ
फूलकुमारी महतो मैथिली प्रतिभा पुरस्कार २०६७ -बुधनगर मोरङनिवासी दयानन्द दिग्पाल यदुवंशीकेँ

साझा पुरस्कार (नेपालक साझा संस्थानक पुरस्कार) साझा लोकसंस्कृति पुरस्कार
-वि.सं. २०६७ प्राज्ञ रामभरोस कापड़ि भ्रमर

विद्यापति पुरस्कार कोषक पुरस्कार- मैथिली भाषा, साहित्य, कला संस्कृतिक लेल नेपाल सरकार द्वारा स्थापित नेपालमे सभसँ बड़का राशिक पुरस्कार। 

विद्यापति पुरस्कार कोषक लेल विभिन्न पाँच विद्यामे २०१२ (

२०६८ कातिक १८ गते नेपाल सरकार एक करोड रुपैयाक विद्यापति पुरस्कार कोषक स्थापना कएने छल, तकरा बाद र्इ पुरस्कार पहिल वेर देल जा रहल अछि।)
दु लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली भाषा साहित्य पुरस्कार मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार डा. राजेन्द्र विमलकेँ।
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली कला संस्कृति पुरस्कार शहीद रंजु झाकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली अनुसन्धान पुरस्कार डा. रामावतार यादवकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली पाण्डुलिपी पुरस्कार साहित्यकार परमेश्वर कापडिकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली अनुबाद पुरस्कार डा. रामदयाल राकेशकेँ


साहित्य अकादेमी  फेलो- भारत देशक सर्वोच्च साहित्य सम्मान (मैथिली)


           १९९४-नागार्जुन (स्व. श्री वैद्यनाथ मिश्र “यात्री” १९११-१९९८ ) , हिन्दी आ मैथिली कवि।


           २०१०- चन्द्रनाथ मिश्र अमर (१९२५- ) - मैथिली साहित्य लेल।



साहित्य अकादेमी भाषा सम्मान ( क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य आ गएर मान्यताप्राप्त भाषा लेल):-
           
           २०००- डॉ. जयकान्त मिश्र (क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य लेल।)
           २००७- पं. डॉ. शशिनाथ झा (क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य लेल।)
            पं. श्री उमारमण मिश्र


साहित्य अकादेमीक टैगोर साहित्य पुरस्कार

२०११- जगदीश प्रसाद मण्डल (गामक जिनगी, लघु कथा संग्रह)


साहित्य अकादेमी पुरस्कार- मैथिली


१९६६- यशोधर झा (मिथिला वैभव, दर्शन)

१९६८- यात्री (पत्रहीन नग्न गाछ, पद्य)

१९६९- उपेन्द्रनाथ झा “व्यास” (दू पत्र, उपन्यास)

१९७०- काशीकान्त मिश्र “मधुप” (राधा विरह, महाकाव्य)

१९७१- सुरेन्द्र झा “सुमन” (पयस्विनी, पद्य)

१९७३- ब्रजकिशोर वर्मा “मणिपद्म” (नैका बनिजारा, उपन्यास)

१९७५- गिरीन्द्र मोहन मिश्र (किछु देखल किछु सुनल, संस्मरण)

१९७६- वैद्यनाथ मल्लिक “विधु” (सीतायन, महाकाव्य)

१९७७- राजेश्वर झा (अवहट्ठ: उद्भव ओ विकास, समालोचना)

१९७८- उपेन्द्र ठाकुर “मोहन” (बाजि उठल मुरली, पद्य)

१९७९- तन्त्रनाथ झा (कृष्ण चरित, महाकाव्य)

१९८०- सुधांशु शेखर चौधरी (ई बतहा संसार, उपन्यास)

१९८१- मार्कण्डेय प्रवासी (अगस्त्यायिनी, महाकाव्य)

१९८२- लिली रे (मरीचिका, उपन्यास)

१९८३- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (मैथिली पत्रकारिताक इतिहास)

१९८४- आरसी प्रसाद सिंह (सूर्यमुखी, पद्य)

१९८५- हरिमोहन झा (जीवन यात्रा, आत्मकथा)

१९८६- सुभद्र झा (नातिक पत्रक उत्तर, निबन्ध)

१९८७- उमानाथ झा (अतीत, कथा)

१९८८- मायानन्द मिश्र (मंत्रपुत्र, उपन्यास)

१९८९- काञ्चीनाथ झा “किरण” (पराशर, महाकाव्य)

१९९०- प्रभास कुमार चौधरी (प्रभासक कथा, कथा)

१९९१- रामदेव झा (पसिझैत पाथर, एकांकी)

१९९२- भीमनाथ झा (विविधा, निबन्ध)

१९९३- गोविन्द झा (सामाक पौती, कथा)

१९९४- गंगेश गुंजन (उचितवक्ता, कथा)

१९९५- जयमन्त मिश्र (कविता कुसुमांजलि, पद्य)

१९९६- राजमोहन झा (आइ काल्हि परसू, कथा संग्रह)

१९९७- कीर्ति नारायण मिश्र (ध्वस्त होइत शान्तिस्तूप, पद्य)

१९९८- जीवकान्त (तकै अछि चिड़ै, पद्य)

१९९९- साकेतानन्द (गणनायक, कथा)

२०००- रमानन्द रेणु (कतेक रास बात, पद्य)

२००१- बबुआजी झा “अज्ञात” (प्रतिज्ञा पाण्डव, महाकाव्य)

२००२- सोमदेव (सहस्रमुखी चौक पर, पद्य)

२००३- नीरजा रेणु (ऋतम्भरा, कथा)

२००४- चन्द्रभानु सिंह (शकुन्तला, महाकाव्य)

२००५- विवेकानन्द ठाकुर (चानन घन गछिया, पद्य)

२००६- विभूति आनन्द (काठ, कथा)

२००७- प्रदीप बिहारी (सरोकार, कथा)

२००८- मत्रेश्वर झा (कतेक डारि पर, आत्मकथा)

२००९- स्व.मनमोहन झा (गंगापुत्र, कथासंग्रह)

२०१०-श्रीमति उषाकिरण खान (भामती, उपन्यास)

२०११- श्री उदयचन्द्र झा "विनोद" (अपक्ष, कविता संग्रह)


साहित्य अकादेमी मैथिली अनुवाद पुरस्कार


१९९२- शैलेन्द्र मोहन झा (शरतचन्द्र व्यक्ति आ कलाकार-सुबोधचन्द्र सेन, अंग्रेजी)

१९९३- गोविन्द झा (नेपाली साहित्यक इतिहास- कुमार प्रधान, अंग्रेजी)

१९९४- रामदेव झा (सगाइ- राजिन्दर सिंह बेदी, उर्दू)

१९९५- सुरेन्द्र झा “सुमन” (रवीन्द्र नाटकावली- रवीन्द्रनाथ टैगोर, बांग्ला)

१९९६- फजलुर रहमान हासमी (अबुलकलाम आजाद- अब्दुलकवी देसनवी, उर्दू)

१९९७- नवीन चौधरी (माटि मंगल- शिवराम कारंत, कन्नड़)

१९९८- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (परशुरामक बीछल बेरायल कथा- राजशेखर बसु, बांग्ला)

१९९९- मुरारी मधुसूदन ठाकुर (आरोग्य निकेतन- ताराशंकर बंदोपाध्याय, बांग्ला)

२०००- डॉ. अमरेश पाठक, (तमस- भीष्म साहनी, हिन्दी)

२००१- सुरेश्वर झा (अन्तरिक्षमे विस्फोट- जयन्त विष्णु नार्लीकर, मराठी)

२००२- डॉ. प्रबोध नारायण सिंह (पतझड़क स्वर- कुर्तुल ऐन हैदर, उर्दू)

२००३- उपेन्द दोषी (कथा कहिनी- मनोज दास, उड़िया)

२००४- डॉ. प्रफुल्ल कुमार सिंह “मौन” (प्रेमचन्द की कहानी-प्रेमचन्द, हिन्दी)

२००५- डॉ. योगानन्द झा (बिहारक लोककथा- पी.सी.राय चौधरी, अंग्रेजी)

२००६- राजनन्द झा (कालबेला- समरेश मजुमदार, बांग्ला)

२००७- अनन्त बिहारी लाल दास “इन्दु” (युद्ध आ योद्धा-अगम सिंह गिरि, नेपाली)

२००८- ताराकान्त झा (संरचनावाद उत्तर-संरचनावाद एवं प्राच्य काव्यशास्त्र-गोपीचन्द नारंग, उर्दू)

२००९- भालचन्द्र झा (बीछल बेरायल मराठी एकाँकी-  सम्पादक सुधा जोशी आ रत्नाकर मतकरी, मराठी)

२०१०- डॉ. नित्यानन्द लाल दास ( "इग्नाइटेड माइण्ड्स" - मैथिलीमे "प्रज्वलित प्रज्ञा"- डॉ.ए.पी.जे. कलाम, अंग्रेजी)
२०११- श्री खुशीलाल झा (उपरवास कथात्रयी, रघुवीर चौधरीक गुजराती उपन्यास)

साहित्य अकादेमी मैथिली बाल साहित्य पुरस्कार


२०१०-तारानन्द वियोगीकेँ पोथी "ई भेटल तँ की भेटल"  लेल
२०११- ले.क. मायानाथ झा "जकर नारी चतुर होइ" लेल

साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार

२०११- श्री आनन्द कुमार झा (हठात परिवर्तन, नाटक)

प्रबोध सम्मान


प्रबोध सम्मान 2004- श्रीमति लिली रे (1933- )

प्रबोध सम्मान 2005- श्री महेन्द्र मलंगिया (1946- )

प्रबोध सम्मान 2006- श्री गोविन्द झा (1923- )

प्रबोध सम्मान 2007- श्री मायानन्द मिश्र (1934- )

प्रबोध सम्मान 2008- श्री मोहन भारद्वाज (1943- )

प्रबोध सम्मान 2009- श्री राजमोहन झा (1934- )

प्रबोध सम्मान 2010- श्री जीवकान्त (1936- )

प्रबोध सम्मान 2011- श्री सोमदेव (1934- )

प्रबोध सम्मान 2012- श्री चन्द्रभानु सिंह (१९२२- )

                                  श्री रामलोचन ठाकुर (१९४९- )

यात्री-चेतना पुरस्कार



२००० ई.- पं.सुरेन्द्र झा “सुमन”, दरभंगा;

२००१ ई. - श्री सोमदेव, दरभंगा;

२००२ ई.- श्री महेन्द्र मलंगिया, मलंगिया;

२००३ ई.- श्री हंसराज, दरभंगा;

२००४ ई.- डॉ. श्रीमती शेफालिका वर्मा, पटना;

२००५ ई.-श्री उदय चन्द्र झा “विनोद”, रहिका, मधुबनी;

२००६ ई.-श्री गोपालजी झा गोपेश, मेंहथ, मधुबनी;

२००७ ई.-श्री आनन्द मोहन झा, भारद्वाज, नवानी, मधुबनी;

२००८ ई.-श्री मंत्रेश्वर झा, लालगंज,मधुबनी

२००९ ई.-श्री प्रेमशंकर सिंह, जोगियारा, दरभंगा

२०१० ई.- डॉ. तारानन्द वियोगी, महिषी, सहरसा

२०११ ई.-  डॉ. राम भरोस कापड़ि भ्रमर (जनकपुर)


भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता

युवा पुरस्कार (२००९-१०) गौरीनाथ (अनलकांत) केँ मैथिली लेल।


भारतीय भाषा संस्थान (सी.आइ.आइ.एल.) , मैसूर रामलोचन ठाकुर:- अनुवाद लेल भाषा-भारती सम्मान २००३-०४ (सी.आइ.आइ.एल., मैसूर) जा सकै छी, किन्तु किए जाउ- शक्ति चट्टोपाध्यायक बांग्ला कविता-संग्रहक मैथिली अनुवाद लेल प्राप्त।  रमानन्द झा 'रमण':- अनुवाद लेल भाषा-भारती सम्मान २००४-०५ (सी.आइ.आइ.एल., मैसूर) छओ बिगहा आठ कट्ठा- फकीर मोहन सेनापतिक ओड़िया उपन्यासक मैथिली अनुवाद लेल प्राप्त।



नाटक, गीत, संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, शिल्प आ चित्रकला क्षेत्रमे विदेह सम्मान २०१२ क घोषणा



विदेह सम्मान

विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी सम्मान

१.विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी फेलो पुरस्कार २०१०-११ 
२०१० श्री गोविन्द झा (समग्र योगदान लेल)
२०११ श्री रमानन्द रेणु (समग्र योगदान लेल)
२.विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी पुरस्कार २०११-१२ 

२०११ मूल पुरस्कार- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल (गामक जिनगी, कथा संग्रह)
२०११ बाल साहित्य पुरस्कार- ले.क. मायानाथ झा (जकर नारी चतुर होइ, कथा संग्रह)
२०११ युवा पुरस्कार- आनन्द कुमार झा (कलह, नाटक)
२०१२ अनुवाद पुरस्कार- श्री रामलोचन ठाकुर- (पद्मानदीक माझी, बांग्ला- मानिक बंद्योपाध्याय, उपन्यास बांग्लासँ मैथिली अनुवाद)


विदेह भाषा सम्मान २०१२-१३ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कारक रूपमे प्रसिद्ध)

बाल साहित्य पुरस्कार २०१२- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल केँ “तरेगन” बाल प्रेरक विहनि कथा संग्रह


नाटक, गीत, संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, शिल्प आ चित्रकला क्षेत्रमे विदेह सम्मान २०१२ क घोषणा

अभि‍नय- मुख्य अभिनय ,

सुश्री शि‍ल्‍पी कुमारी, उम्र- 17 पि‍ता श्री लक्ष्‍मण झा

श्री शोभा कान्‍त महतो, उम्र- 15 पि‍ता- श्री रामअवतार महतो,

हास्‍य-अभिनय

सुश्री प्रि‍यंका कुमारी, उम्र- 16, पि‍ता- श्री वैद्यनाथ साह

श्री दुर्गानंद ठाकुर, उम्र- 23, पि‍ता- स्‍व. भरत ठाकुर

नृत्‍य

सुश्री सुलेखा कुमारी, उम्र- 16, पि‍ता- श्री हरेराम यादव

श्री अमीत रंजन, उम्र- 18, पि‍ता- नागेश्वर कामत

चि‍त्रकला
श्री पनकलाल मण्डल, उमेर- ३५, पिता- स्व. सुन्दर मण्डल, गाम छजना
श्री रमेश कुमार भारती, उम्र- 23, पि‍ता- श्री मोती मण्‍डल

संगीत (हारमोनियम)

श्री परमानन्‍द ठाकुर, उम्र- 30, पि‍ता- श्री नथुनी ठाकुर

संगीत (ढोलक)

श्री बुलन राउत, उम्र- 45, पि‍ता- स्‍व. चि‍ल्‍टू राउत

संगीत (रसनचौकी)

   श्री बहादुर राम, उम्र- 55, पि‍ता- स्‍व. सरजुग राम

शिल्पी-वस्तुकला

    श्री जगदीश मल्लिक,५० गाम- चनौरागंज

मूर्ति-मृत्तिका कला

श्री यदुनंदन पंडि‍त, उम्र- 45, पि‍ता- अशर्फी पंडि‍त


काष्ठ-कला

श्री झमेली मुखिया,पिता स्व. मूंगालाल मुखिया, ५५, गाम- छजना


किसानी-आत्मनिर्भर संस्कृति

श्री लछमी दास, उमेर- ५०, पिता स्व. श्री फणी दास, गाम वेरमा

विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान


-२०१२ श्री नवेन्दु कुमार झा

गजल कमला-कोसी-बगमती-महानंदा सम्मान


अनचिन्हार आखर ( http://anchinharakharkolkata.blogspot.com ) द्वारा प्रायोजित "गजल कमला-कोसी-बगमती-महानंदा सम्मान" बर्ख 2011 लेल ओस्ताद सदरे आलम गौहर जीकेँ प्रदान कएल गेलैन्ह। एहि बेरुक मुख्यचयनकर्ता ओस्ताद सियाराम झा"सरस" छलखिन्ह।..