मंगलवार, 22 मार्च 2011

हम अनचिन्हार छि......

अनकर मचान पर, मिथिला के दालान पर,
मिथिला के शान पर लिखय लए तैयार छि.
हम अनचिन्हार छि......

गामक गोप के, गामक लोग लए,

गामक भाषा में,परसय लए तैयार छि
हम अनचिन्हार छि......

मिथिला के रंग के, मैथिल के ढंग के,

मिथिला के मंच पे आनय लए तैयार छि,
हम अनचिन्हार छि......

मिथिला के गोप से, मैथिल के ढ़ोब से,

हम नै अनचिन्हार छि,
हम मैथिल राजकुमार छि.
हम 'झा' सुनील कुमार छि...

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अपन मोनक भावना के एते राखु