सोमवार, 4 जुलाई 2011

ब्रिटेनक सकारी संगठन चमकायत बिहार के

बिहारक मुख्यमंत्री नितीश कुमार के सुशासन के धमक सात समुन्दर पारो पहुँच गेल ये। संयुक्त राष्ट्र संघ नितीश के काज से एते प्रभावित ये की ओ देश के आन राज्य के तुलना में बिहार में काज करब बेसी नीक बुझलक। याह कारण ये की ब्रिटेन के एकटा स्वयंसेवी संस्था संयुक्त राज्य के कहला पर बिहार में सपूर्ण स्वच्छता अभियान के बेडा उठेलक ये। ई अभियान के अंतिम रूप दए के लेल अगिला १६ तारीख के सयुंक्त राष्ट्र संघ के जिनेवा बाला कार्यालय के एकटा बैठक बुलायल गेल ये।
ब्रिटिश संसद के बनायल ई सरकारी स्वयंसेवी संगठन 'डिपार्टमेंट फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट(डीऍफ़आईडी) बिहार में सम्पूर्ण स्वक्षता अभियान के लेल धनराशी लगायत। ओना ई अभियान पर कतेक राशि खर्च हाएत एकर खुलासा अखन नै भेल ये ओ जिनेवा में होए बला बैठक में तय हाएत। ई अभियान के मुताबिक साल २०१५ तक बिहार में सपूर्ण स्वक्षता अभियान के लक्ष्य राखलक ये। कहल जाय रहल रहे की तेसर दुनिया के विकाश, चिकित्सा, सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान पर काज करय बला ई कंपनी डीऍफ़आईडी भारत के कुनू एकटा राज्य में एही आभियान के अंजाम दए लए चाहय ये जाकर लेल उत्तर प्रदेश आ बिहार के चयनित कैल गेल रहे मुदा सयुंक्त राज्य संघ एकरा लेल हरेक मामला में बिहार के उत्तर प्रदेश से निक बुझलक। नतीजा सभगोटे के सामने ये आ बिहार में २०१५ तक सम्पूर्ण स्वच्छता भेटत।
सम्पूर्ण स्वच्छता के आंकड़ा बताबै ये की बिहार के ३३ प्रतिशत क्षेत्रफल के बाशिंदा के ई सुविधा उपलब्ध अछि आ जबकि उत्तर प्रदेश में ई आंकड़ा साठ के पार कए देलक ये। मुदा सरकारी आंकड़ा के अंतर्राष्ट्रीय संगठन ख़ारिज कए देलक ये ओकरा मुताबिक उत्तर प्रदेश में १८ से २० फीसदी आ बिहार में १२ से १७ फीसदी के बीच ग्रामीण वाशिंदा सम्पूर्ण स्वक्षता के लाभ उठाबै ये।
आंकड़ा बताबै ये की  बिहार में ६१,९६,७७९ बीपीएल घर में शौचालय ये जबकि एपीएल के ४९,७५,५३५ घर में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान ये। उत्तर प्रदेश में याह आंकड़ा क्रमशः ८३,०३,७९४ आ १,२३,२६,९३ बैसय ये। बिहार के ७०,५८३ आ उत्तरप्रदेश में २,६०,८६० स्कूल में शौचालय ये। बिहार में ६,५९५ आंगनबाड़ी आ उत्तरप्रदेश के १,०७,३०२ आंगनबाड़ी केंद्र में सम्पूर्ण स्वच्छता के ध्यान राखल जाए ये। उत्तर प्रदेश के गाम में ४०४ आ बिहार के गाम में ३८४ सुलभ सौचालय ये।
ओना बिहार के लेल एकरा शर्म कही आ की गर्व पिछड़ल राज्य होए के कारण ही आय एतेक नीक प्रोजेक्ट हमरा सबके भेटल ये जे २०१५ तक बिहार के चमकाए देत।

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