शुक्रवार, 23 दिसंबर 2011

पुरुषक माथक ललका पाग अछि स्त्री

काल्हि श्रीराम सेंटर खचाखच भरल छल, दर्शकक थपड़ी स श्रीराम सेंटरक हरेक कोन गुंजि रहल छल, एक बेर फेर गवाह बनल श्रीराम सेंटर मिथिलाक एकटा अद्भुत दृश्य केर, जी हाँ मौका छल मिथिलोत्सव २०११ क.
ओना त प्रकाश झा एही स पहिनो कैकटा नाटकक आ कर्यक्रमक सफल मंचन कए चुकल अछि मुदा एही उत्सव क देखैत इ कहल जाय सकय छी की हुनकर निर्देशन म दिन प्रतिदिन निखार आबी रहल छल
कार्यक्रमक शुरुवात भेल मंच संचालक सोम्या जीक मधुर आवाज सों, सोम्या जी एकटा मांजल कलाकार त छेबे करथिन संगे एकटा नीक मंच संचालिका सेहो, हुनकर मंच संचालन दर्शक म एकटा नव स्फूर्ति प्रदान करैत आयल। फेर मंच पर आयल नेहा वर्मा जिनकर नृत्य दर्शक केर दिल पर एकटा अमिट छाप छोरि देलक, दर्शक थपडी स रुकय क नाम नै लए रहल रहे।

आओर नृत्यक बाद शुरू भेल नाटक "ललका पाग" ;राजकलम चौधरी द्वारा लिखित एही कहानीक मंचन त पहिनो कैक बेर भ चुकल अछि मुदा राजकमल चौधरी क एहने प्रभाव अछि जे हरेक बेर इ नाटक एकटा नव आ नीक रूप म अबैत अछि। मैथिल स्त्रीक संस्कार आ हुनकर चरित्रक सम्पूर्ण विवरण अछि एही नाटक म, मैथिल स्त्री कोनाक अपन सासुर म रहय पडैत अछि कोनाक हुनका दुःख सहितो सासुर केर सेवा म लागय पड़य अछि, कोनाक अपन पतिक सुख लेल ओ सब किछुक त्याग क सकय अछि।

नाटकक रंग तखन आओर गहरिया गेल जखन एही म मुकेश जीक आ ज्योती जीक अभिनयक तड़का लागल। निश्चित कर्यक्रम म चार चाँद लगा देलक तिरु क रूप म ज्योती जीक अभिनय आ राधा चौधरीक अभिनय म मुकेश जी, दुनु गोटे मैलोरंगक मांजल कलाकार त अछिए संगे दुनु म अभिनय छमता कूट-कूट क भरल अछि, नाटकक अंत केर एकटा दृश्य मोन पडैत अछि जखन राधा चौधरी बनल मुकेशक कनबाक दृश्य छल, हुनक ओ भोकरी दर्शक द्रिघा म बैसल सब गोटेक हृदयक पार भ गेल, खुद मुकेश जीक उम्दा अभिनय जे बिना गिलिसरीन क हुनकर आंखि स नोर बहे लागल।

फेर शुरू भेल कर्यक्रम दोसर चरण जाही म सम्मान समारोहक आयोजन करल गेल छल, मैथिली रंगमंचक क्षेत्र म उत्कृष्ठ योगदानक लेल तीन गोटेक एही सम्मान स विभूषित करल गेल


ज्योतिरीश्वर सम्मान - रंगकर्मी दयानाथ झा
मैथिली नाटक मे दीर्घकालीन आ उत्कृष्ट सक्रियता क लेल हिनका इ सम्मान देल
गेलैनि। दयानाथ जीक जन्म २ जनवरी १९४० क मधुबनीक नगदाह गाम म भेलैनि अछि। तकनीकी पढाईक संग रविन्द्र भारती नाट्य संस्थान कोलकाता स सीनियर डिप्लोमा इन ड्रामा केलैनि अछि। कोलकाता म १९५६ स लगातार मैथिली रंगमंचीय गतिविधि स जुडल अछि। लगभग पचास टा मैथिली नाटक म अभिनय केलैनि अछि। आकाशवाणी कोलकाता क दस-बारह कार्यक्रम म सहभागिता। भारत आ नेपाल म कैकटा सम्मान स सम्मानित संगे चेतना समिति पटना स मिथिला विभूति सम्मान स सम्मानित। मैथिली रंग मंच म अपन जीवनपर्यंत योगदान देबाक लेल हिनका ई सम्मान देल गेल अछि।

श्रीकांत मंडल सम्मान -
रंगकर्मी मुकेश झा
मैथिली रंगपटल पर अभिनयक क्षेत्र म अपन उत्कृष्ट योगदान क लेल हिनका ई युवा सम्मान देल गेलैनि अछि
। मुकेश जी मूल रूप स बरहा, मधुबनी, बिहारक अछि, १२ अप्रेल १९८१ म जनमल एही युवा रंगकर्मी महाविद्यालयक समय स रंगमंच म सक्रिय अछि। स्नातकक बाद दिल्ली स्थित श्री राम सेंटर स रंगमंच म दू वर्षक डिप्लोमा केलैनि अछि। रंगमंच म अपन विशिष्ठ योगदानक लेल संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार स नॅशनल जूनियर फेलोशिप प्राप्त एही युवा रंगकर्मी क लगभग ३५ टा नाटक मे अभिनय आ ५० टा सा बेसी नाटक मे मंच पाश्व क विशेष अनुभव अछि हिनका। मेलोरंग रेपर्टरीक प्रमुख संगे नटरंग प्रतिष्ठानक प्रलेखन विभाग म कार्यरत।

प्रमिला झा सम्मान - रंगकर्मी सुधा झा
मैथिली रंगमंच म महिलाक सक्रियता क प्रोत्साहित करय क लेल एही वर्षक सम्मान मैथिली रंगमंचक सुप्रसिद्ध अभिनेत्री सुधा झा क देल गेल अछि
। सुधा जीक जन्म दरभंगा मे भेल अछि। नैनपन स मैथिली रंगमंच म अपन जोरदार उपस्थितिक संग प्रमिला जी बोकारो आ दरभंगाक कैकटा मैथिली आ हिंदी नाटक म अभिनय केलैनि अछि।  मैथिली, हिंदी, आ भोजपुरीक कैकटा फिल्म, सीरियल, आ विज्ञापन मे प्रमिला जी अभिनय क चुकलखिन अछि। सुधा जी मैलोरंग स लगातार जुडल अछि आ मैलोरंगक कैकटा नाटक म अपन योगदान द चुकल अछि।


फेर शुरू भेल रंगारंग कार्यक्रमक सुरुवात भेल मैथिली रंग म रंगल एकटा छः वर्षक मिथिलाक बेटी "मैथिली ठाकुर" स जिनकर जय जय भैरवी स भेल शुरुवात दर्शकगण म एकटा नब उर्जाक संचार केलक, निश्चित कहल जाय सकय अछि जे मैथिली ठाकुर मिथिलाक उद्दीयप्मान  गायिका बनि क उभरत
। मैथिली ठाकुर सारेगामा लिट्ट्ल चेम्स म सेहो पार्टीसिपेट केने अछि आ हुनकर गायकी लाजवाब लागल

फेर एक एक कए क मंच पर रास गायक लोग एलेंन जाही म संजय झा जी जोगिया रूप हम देखलो गे माई, भाष्कर जीक हेरोउ उगना,  करुना जीक  दर्शन दिय माँ दुर्गा भवानी, आ पुष्पा जीक मोरा रे अंगनवा शामिल रहे
। सबहक गायिकी कुनू खास नै लागल एहेन बुझायल जे सब कियो जबरदस्ती मंच पर चढ़ी गेल होए

एही सबहक बीच मैथिलीक एकटा एहन सितारा रहे जिनकर बाट आय तीन मास स हुनकर संगीत प्रेमी जोह रहल रहे, जी हाँ हम गप कए रहल छी मैथिली संगीतक सुरमनी "अंशुमाला जी" ;
गंभीर बीमारी स ग्रस्‍त अंशु एक प्रकार स दोसर जन्‍म ल एक बेर फेर मंच पर देखि दर्शकगणक ताली स सोंसे श्रीराम सेंटर गुंजि गेल। पिया मोरा बालक आ झूमना बरद संग केर प्रस्तुति दर्शकक वाह वाह करय क लेल मजबूर क देलक। आब एकरा संयोग कहू आ की अंशुक इच्‍छा मुदा हिंदी आ मैथिली मंचक एहि युवा गायिकाक मंच पर वापसी मैथिली मंच स भेल, ताहि लेल हुनका अपनो गर्वक अनुभूति भ रहल रहे।

कुल मिलाक मिथिलोत्सव अपन एकटा अमिट छाप छोडेय म सफल रहल। दिल्ली म मिथिलाक एही धमक सोंसे उत्तर बिहार म सूना पड़य से माँ भगवती स कामना करैत आ रंगमंचक चर्चा करैत सब विदा भेल। निश्चित प्रकाश जी एकटा नीक निर्देशक संगे एकटा नीक लोग सेहो छथिन जे दिल्ली म मिथिलाक गूंज क समय समय पर गुंजायमान करैत रहैत अछि। आ दिल्ली म मिथिला क चमक क बरक़रार रखि रहल अछि ताहि लेल हुनका पुनः पुनः धन्यवाद।

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