बुधवार, 16 नवंबर 2011

नाक हमर नकेल हुनकर



तेल हुनकर फुलेल हुनकर
 
हुनकर महफिल में खेल हुनकर
 
दूर स जे देख रहल छी गुलदस्ता
 
दरशल तालमेल हुनकर
 
चाहे ओ ओ पाले या शिकार करथि
 
हुनकर बगरा गुलेल हुनकर
 
ऐ तरहक तालमेल हुनकर
 
की करू बंधी गैलो प्यार में
 
नाक हमर नकेल हुनकर
 
   
      
रचनाकार :- अजय ठाकुर (मोहन जी)

 

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