तेल हुनकर फुलेल हुनकर
हुनकर महफिल में खेल हुनकर
दूर स जे देख रहल छी गुलदस्ता
दरशल तालमेल हुनकर
चाहे ओ ओ पाले या शिकार करथि
हुनकर बगरा गुलेल हुनकर
ऐ तरहक तालमेल हुनकर
की करू बंधी गैलो प्यार में
नाक हमर नकेल हुनकर
रचनाकार :- अजय ठाकुर (मोहन जी)
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अपन मोनक भावना के एते राखु