शनिवार, 30 अप्रैल 2011

रुबाइ

खाड़ भए सपना नै देखबाक चाही  
सुरज से आँखि नै मिलबाक चाही  
टूटय ये भरम तs बड़ दरद होए ये   
अहाँक एही बात बुझबाक चाही   

पुरस्कार

हमरा इ सूचित करैत अपार हर्ख भए रहल अछि जे मैथिलीक एक मात्र गजलक ब्लाग " अनचिन्हार आखर" http://anchinharakharkolkata.blogspot.com/नव शाइर के प्रोत्साहित आ पुरान शाइरक निन्न तोड़बाक लेल एकटा तुच्छ मुदा भावना सँ ओत-प्रोत पुरस्कार अहाँ लोकनिक माँझ लाबि रहल अछि जकर नाम "गजल कमला-कोशी-बागमती-महानंदा" रखबाक नेआर अछि।
इ पुरस्कार दू चरण मे पूरा कएल जाएत जकर विवरण एना अछि--------
पहिल चरण-----------हरेक मास मे प्रकाशित गजल, रुबाइ, कता, फर्द, समीक्षा, आलोचना, समालोचना, इतिहास ( गजल, रुबाइ, कता, फर्द आदिक) मे सँ एकटा रचना चूनल जाएत जे सालक बारहो मास चलत (साल मने १ जनवरी सँ ३१ दिसम्बर) ।
एहि तरहें चयन कर्ता लग अंतिम रूप सँ बारह रचना प्राप्त हेतन्हि।
दोसर चरण------ चयनकर्ता अंतिम रुप सँ मे प्राप्त रचना के ओकर भाव, व्याकरण आदिक आधार पर एकटा रचना चुनताह, जे अंतिम रुप सँ मान्य हएत आ ओकरे इ पुरस्कार देल जाएत।

रचना चुनबाक नियम-------------

१) रचना अनिवार्य रुपें "अनचिन्हार आखर"http://anchinharakharkolkata.blogspot.com/ पर प्रकाशित होएबाक चाही। जँ कोनो रचनाकारक रचना अन्य द्वारा प्रस्तुत कएल गेल छैक सेहो मान्य हएत।

२) रचना मौलिक होएबाक चाही। जँ कोनो रचनाक अमौलिकता पुरस्कार प्राप्त भेलाक बाद प्रमाणित हएत तँ रचनाकार सँ अबिलंब पुरस्कार आपस लए लेल जाएत आ भविष्य मे एहन घटना के रोकबाक लेल " अनचिन्हार आखर" कानूनी कारवाइ सेहो कए सकैत अछि।
३) रचना चयन प्रकिया के चुनौती नहि देल जा सकैए।
४) एहन रचनाकार जे मैथिलीक रचना के अन्य भाषाक संग घोर-मठ्ठा कए लिखैत छथि से एहि पुरस्कारक लेल सवर्था अयोग्य छथि, हँ ओहन रचनाकार जे मैथिली आ अन्य भाषा मे फराक-फराक लिखैत छथि तिनकर रचना के पुरस्कार देल जा सकैए, बशर्ते कि ओ अन्य पात्रता रखैत होथि।

५) पहिल चरणक प्रकिया हरेक मासक ५ सँ १० तारीखके बीच आ दोसर चरण हरेक तिला-संक्रान्ति के पूरा कएल जाएत।

६) एहि पुरस्कारक चयन पूर्णतः आन-लाइन होएत ।

७) रचनाकार कोनो देशक नागरिक भए सकैत छथि।

८) " अनचिन्हार आखर"क संस्थापक एहि पुरस्कार मे भाग नहि लए सकैत छथि।
९) पुरस्कार राशिक घोषणा बाद मे कएल जाएत।

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2011

रुबाइ

दिल के आगि के बुझायब कोना       
आँखिक पानि से मिझायब कोना          
मुखड़ा ये चाँद सन कहैत रहे ओ           
चाँदौ में दाग अछि बतायब कोना       

रुबाइ

शहर केर छोड़ी देलक दिल में चोट
अन्हरा बुझि के देखाs गेल कोर्ट
फसल रही पिआर में माँछ जेना जाल
भागि गेल सबटा समेटी के नोट

रुबाइ

एक तs अहाँक रंग इजोतो मs चमकै ये    
दोसर अहाँक रूप अन्हारो मs दमकै ये     
नै करू एतेक नीक  साज आs श्रृंगार     
देखि के अहाँक मोन हमर भटकै ये     

गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

रुबाइ

रस्ते में भक्क से भेंटाs गेल ओ
अन्हारे में चक्क से देखाs गेल ओ
कोनाक रोकने रहि आँखिक नोर  
अन्झक्के में हमरा कनाs गेल ओ


बुधवार, 27 अप्रैल 2011

सुशासन के हौसला नै देलक रंगदारी लेलक जान...

सुशासन में लोग सबहक हौसला देखियो जे लोग अपराधी के नाम सुनि के ही डरए रहे ओही आब हुनकर मुकाबला करय ये ।  ई बात ये आय भोरे के, बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के डुमरिया घाट थाना के पुरैना गाम में डाक्टर से रंगदारी माँगेय ले आएल दू टा लोग के गाम बला पीट-पीट कए मारि देलक।

आय भोरे पुरैना के डॉक्टर राजेश के घोरे दू टा आदमी जिनकर नाम पंकज सिंह आ राजू सिंह रहे दुनु भाई छि आ कल्याणपुर थाना के सिसवा पटना गाम कए रहय बला रहे रंगदारी माँगेय ले पहुंचल। डाक्टर के शोर मचैने पर गाम बला आयब गेल आ पीट-पीट के दुओ गोते के जान मारि देलक। दोनों गुंडा के पास एक टा कारबाइन आ दू टा मग्जीन भेटल ये ।

गाम बला से एही साहसिक कदम के प्रशंसा काएल जाए की हुनका सब के सजा देल जाय दुओ गोटे के मौतक लेल ई सोचनिये प्रश्न अछि।

रुबाइ

कतेक रास-बात हम हुनका बतेलों    
कतेक सब्ज-बाग़ हम हुनका देखेलों       
तब जाए के मानल ओ छौड़ी अभगली     
कतरि के झाड़ि पे जे हुनका चढेलों     

मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

दहेज़ मुक्त मिथिला -:

कनिए टा जे बढ़ल लड़की, कतेक चिंता होए ये I
देखेय बला के नज़र में, कतेक भिनता होए ये II

जुआन होए से पहिने, हुनका बताs देल जाय ये I
अहाँ दोसरक सम्पति छि, सिखाs देल जाय ये II

अपन जिनगी के अहाँ, दोसरक सेवा में लगाऊ I
घोर से डोली, आs सासुर से अपन  अर्थी उठाऊ II

सबटा दुःख ओ खाली बेटी होए के लेल सहय ये I
तखनो किया दहेज़ के लेल खाली बेटीये जरय ये ii

ई बात कियाs नै अहाँ हुनका बताबै छि I
की सासुर में अहाँक सब सपना मरि जाएत II
हाथ के मेहँदी सुखय से पहिने I
दहेज़ के हाथ अहाँक बलि चढ़ि जाएत II

कियाक नै आबोs ई सभ्य समाज सुधरय ये I
दहेज़ के बोझ से किया बेटीये बला गुजरय ये II

सब गोटे मिल के ई महामारी मिटाउ I
मिथिला के आsब दहेज़ मुक्त बनाऊ II

मानवता भेल शर्मसार दुष्कर्म के बाद केलक हत्या...

सीतामढ़ी जिला के बेरसंड थाना क्षेत्र के बखरी गाम में एकटा दस सालक बच्ची के संगे हवस के पुजारी दुष्कर्म केलखिन। एतने नेञ दुष्कर्म के बाद ओ सबूत मिटाबै के लेल हुनकर हत्या भी कs देलखिन आ लहास के दोसर ठाम फेकी देलकमौका पर भेटल दस सालक बच्ची के नंगटे लहास देखि के पुलिस के बजाओल गेल जाही के बाद माय के बयान पर प्राथमिकी दर्ज भेल।

ओ बच्ची के माय रंजू देवी बतोलक से हमार बेटी कालि दुपहर कए खेलय ले निकलल रहे। मुदा संझियो तलक घोर नै लौटल ते हुनकर खोज-खबर लिया लागलों जाही में गाम वला के हुनकर नंगा लहास भेटल। मौका पर पुलिस के संगे डी एस पी भी पहुंचल आ लहास के पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजलक 

सोमवार, 25 अप्रैल 2011

दहेज़ मुक्त मिथिला


सुरसा जोंका/ फ़ैल रहल छैक/ सोंसे देश

बरद जोंका/ अपन सपूत के / बेचि रहल


दहेज़ केर/ लगेलक दांव पर /आँखिक नोर


बिकल खेत/
झोपड़ी आ मड़ैया/ बेटीक लेल

ख़तम करू/ ई महामारी कए/ लियो शपथ


जन्म लेलों ये/ जों मिथिलांचल में/ उतारू क़र्ज़


जों छि मैथिल/ दहेज़ मुक्त मिथिला/ से जुड़ि जाऊ

दहेज़ मुक्त मिथिला


किनको दिल के टुकड़ा, ओ भी टका के साथ चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

की बियाहक जरुरी, खाली लड़किये के होए ये I
जों नै ते कियाक, अहेंक धन के लोभ होए ये II
अहोंक ते जिए ले, एकटा जीवन साथी चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

कतेs त्याग करय ये लड़की, की अहाँ सोचने छि I
अपन घोर छोड़ि के दुःख कतेक होए ये, बुझने छि II
ई दुःख के बुझबाक लेल, "बेटा विदा" के रिवाज चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

नबका घोर में आबि के, ओ जीवन शुरू करय अछि I
खुद घुटैत रहे मोने-मोन, मुदा  सबके खुश रखय अछि II
वंशो के बढ़बाक लेल, अहाँक बच्चा के माय चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

यो किनको बेटी आनि कए, अहाँ उपकार नै करय छि I
कासत नै ये ई किनको , जे अहाँ अपन घोर भरय छि II
उलटे कन्यादानी के, अहाँक अहसान मानैक चाही I
कनी हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

अहाँ मिथिला के युवक छि, कियाक शर्मिंदा होए छि I
पौरुष से सब किछु हासिल होए ये किया नै बुझय छि II
अखने ई प्रतिज्ञा करियो, कनिया बिना दहेज़ चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

किनको दिल के टुकड़ा, ओ भी टका के साथ चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II
श्री हैहयवंशीय छत्रिय ताम्रकार समाज चीचली - वैवाहिक स्मारिका 23 अप्रैल 2008  से लेल आलेख के मैथिलि अनुवाद

दहेज़ मुक्त मिथिला

आय फेर ओही शब्द
हमर मोन में उछैल पड़ल
चारि साल से जे बिसरल रही
ओ फेर से गरैज पड़ल

चारि साल पहिने जखन बेटी
विदा भेल रहे
दहेज़क पिटारा में सबटा
पूंजी लए गेल रहे

कोनाकs बचेने रहों
बसमतिया चाउरक् खेत के
गाड़ी के सनेश में सेहो
बिकाs गेल रहे

याद आयल फेर एक बेर
जखन दोसर बेटी जवान भेल
फेर वही गाड़ी आ सामान के
मांग भेल

यो मैथिल ई बीमारी से बचाऊ
मिथिला के बेटा छि
दहेज़ के मिटाऊ

आँखिक पानि के कियाक मारने छि
दहेज़ के लेल कियाक मुंह फाड़ने छि

जागु यो मैथिल बुझबै कहिया
दहेज़ मुक्त मिथिला बनेबै कहिया

शनिवार, 23 अप्रैल 2011

नेता -:

सबटा चोर
मरय केर बाद
बनल नेता

गिरगिट सों
रंग बदलनाय
सिखलक ये

मुहं में राम
बगल में छुरी के
करैत सिद्ध

वोटक लेल
लगेता दाँव पर
आँखिक लाज

सात पुश्त भी
नेहाल भए जेता
बनिके नेता

निगैल गेल
सुरसा बनि केर
सोंसे देश के

नेताक नाम
सुनैय में लागय
जेना गारि ये

दोषी कौन...

बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र में एकटा ट्रक से एकटा बच्चा कुचलल चैल गेल जाही में ओकर घटना स्थल पर ही मौत भए गेल। हुनकर मौत के बात गोस्साएल लोग चालक के एते पीटलक जे हुनकर घटना-स्थल पर ही मौत भए गेल। साथै साथ ओतोका लोग तिन टा ट्रको में आगि लगाय देलक

पुलिस के अनुसार शुक्र के राति में खगौल के सुकेश कुमार अपना दास साल के बेटा अजीत के संगे साइकिल से बोचाचक गाम से लौट रहल रहे की रास्ता में ही हुनकर साइकिल के टक्कर मारि देलक
जाही में अजीत के ओतय मौत भए गेल

एही के बाद लोग सब अपन गोस्सा चालक पर उतारलक आ हुनकर जमि के पिटाई कैलक
। बुरा तरीका से घायल भेल चालाक के इलाज़ के लाय जाय रहल ये रहे की रस्ते में ओ दम तोड़ि देलक। लोग के गोस्सा एते रहे की ओ ट्रको के फूंकी देलक। आ साथै साथ पुलिस पर भी पथराव कैलक
अब सवाल ई ये की दोषी कए छि...? ओ ट्रक चालक, ग्रामीण, या सरकार...

कुरसी के खातिर गेल जान...



बिहार के वैशाली जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र में शुक्र के राति पंचायत चुनावक हिंसा के लेल तीन टा लोग के मौत भए गेल। बात ओ समय के ये जखन बहरामपुर में मुखिया पद के उम्मीदवार मानिकचंद्र राय अपन समर्थक के संगे प्रचार के लेल निकलल रहे। ओही समय ओतय पहुंचल किछु लोग एकाएक से फाइरिंग शुरू कए देलक जाही में तीन टा लोग के तखने मौत भए गेल।
जाही में योगेन्द्र राय, दिलीप राय आ मदन दास के नाम मृतक में ये अओर चारि टा लोग घायल सेहो भए गेल रहे जिनका पटना मेडिकल कालेज अस्पताल में भारती कैल गेल। पुलिसों मानि रहल ये जे ई गोलीबारी पंचायत चुनाव के लेल ये।
आब जे भेल से भेल मुदा सबसे पैघ सवाल ई ये की अखनो धैर जब हम ई मानि रहल छि की बिहार में विकास के हवा बही रहल ये आ सुशासन के सरकार ये तखन पंचायत चुनाव में भी ई तरह के घटना के लेल के जिम्मेदार ये.....? सवाल ई ये?

परिवार

दादा -:
नेता बनिके
पहिरे लागल ये
खादी कुरता

दादी-:
पान चबौने
नेने हाथ में लाठी
घूमि रहल

बाबूजी -:
धिया पुता ले
रौद में दिन भरि
खटैत रहे

माय -:
बनि पुतौह
करैत ये चाकरी
अपने घोर

बहिन -:
भेल जवान
बियाहक आस में
गिनैत दिन

भाई -:
लुच्चा बनिके
अंगना दुआर पे
छिछियाबैत

हम -:
देखि सुनि के
परिवारक गाथा
भेलोंउ क्षुब्ध

गुरुवार, 21 अप्रैल 2011

फेर एक बेर महिला शक्ति आएल आगू...

माथ पे घोघ, मोनक उत्साह आ हाथ में मतदाता पहचान पत्र, जी हाँ हम गोप कए रहल छि बिहार के पंचायत चुनाव के जतय पहिल बेर नबकी बहुरिया भी बुध दिनक वोट में अपन योगदान देलक। कैक टा ते एहनो बहुरिया रहे जे पहिल बेर अपन देहरी नांघलक रहे। नबकी बहुरिया के देखय के लेल जबनका के साथ-साथ बुढ्वो शामिल रहे। पहिल बेर समाज के बंधन के तोि कए लोकतंत्र के चौखट पर पहुंचल बहुरिया कए देखि के ते एही लागि रहल ये जे बदलाव के बयार दलान गुजरैत गाम-घोर तक पहुंची गेल ये।


बिहार में भेल पहिल चरण के मतदान में हरेक जगह ई दृश्य देखय लेल भेट जायत रहे, हरेक बूथ पर मरद से बेसी औरते के भीड़ देखल जाय रहे। भोरे से सबटा बूथ पर महिला के लम्बा लाइन देखय ले मिल जायत रहे जाही में हरेक उम्र के महिला शामिल रहे। उत्साह में कोनो कमी नै महिला सब से गोप केलाs पर ओ कहलखिन से रोजे ते परिवार के समय देते छि किया नै आय हम अपन समाज लए समय दी। हाँ सब खुश बड़ रहे कियाकि वोटे के बहाना हुनका सब के गाम घोर के गली आ चौबटिया जे देखय लए मिल गेल। मुदा हम ते एही कहब की बिहार बदैल रहल ये जाही में महिला के योगदान के हम नै भुला सकय छि।

बुधवार, 20 अप्रैल 2011

विद्यापति


विद्यापति जी
मैथिल कवि लेल
ये भगवान्

उगना भs केs

केलखिन चाकरी
शंकर शिव

जीवन केर

गीत समर्पित ये
उगना लेल

प्रेरणा ल के

हिनकर गीत सों
बनलों कवि

मिथिला केर

बनल महाकवि
धर्म दर्शन

बनी ओहीना

जेहन विद्यापति
सपना छैथ

रुबाइ

देखलों जे अहाँ के रूप गोरी
मोन में उठैत ये हूक  गोरी
शब्द नै बचल ये कहबाक लेल
भए गेलों ये हम मूक गोरी

मंगलवार, 19 अप्रैल 2011

रुबाइ

देखलों जे अहाँक रूप चंद्रा चकोर
अन्हरियो में लागेत जेना इजोर
कतेक काल से रही दिनक इंतज़ार में
घुंघटा से उठेलो ते भए गेल भोर

सोमवार, 18 अप्रैल 2011

रुबाइ

हम नै हँसब मुसकि के रहि जायब
हम नै कानब सिसकि के  रहि जायब
नै ये जो लिखल विधना केर बरसनाय
भादो के मेघ छि गरजि के रहि जायब

शनिवार, 16 अप्रैल 2011

बिजली पानि के लेल लोग के फूटल गोस्सा, उतरल सड़क पर...

बिजली के लेल आखिरकार लोग के गोस्सा सड़क पर उतरि गेल। कैsक दिन से बिजली-पानी के लेल तरैस रहल लोग के गोस्सा फुटि पड़ल आ मुजफ्फरपुर के भोला चौक पर निकैल गेल हाथ में तख्ती आ बैनर लाs के, सब गोटे विभाग के खिलाफ जमि के नारेबाजी कएलखिन आ टायर जलाय के अपन गोस्सा के प्रकट केलाह
एक तं गरमी तत पड़ि रहल छैक जे जीना मुहाल अछि दोसर से बिजली ऐना भेदभाव करय ये जेना सौतेली माय। सब लोग एके टा राग अलापने छैक जे चंदवर आर मिस्कॉट सब स्टेशनों के साथे विद्युत विभाग भेदभाव बरैत रहल ये। दोसर फीडर के तुलना में एता बहुताहिं कम बिजली भेट रहल ये। बिजली के ऑफिस में बिल जमा करबाक लेल भीड़ के रेलम-पेला होए ये मुदा अखनो धैर ओता काउंटर नै बढ़ायल गेल ये। मुदा बिजली विभाग भी विवश ये जाते गरमी के समय ढाई से तीन हज़ार मेगावाट बिजली के जरुरत होए ये ओतय केंद्र से मात्र आठ सौ से नौ सौ बिजली भेट रहल ये जाही में साढ़े तीन सौ मेगावाट बिजली इमरजेंसी सेवा के लेल रहय ये। कहलगांव आ कांटी सेवा ठप्प पड़ल ये कोहना के बरौनी से पचास मेगावाट बिजली भेट जाय ये सेहो में कोयला पानी के समस्या आ जर्जर तार पिंछा नै छोडि रहल ये। कुल मिला कए कही ते सरकार भी लाचार ये। केंद्र सरकार हिनकर किछु सुनय ये ते दुआरे याsह हाल बनल ये।

लोग के भीड़ के शांत करय के लेल ओतका जीएम् जल्द हीं बिजली समस्या के सुलझाबै के आश्वासन देलक ये मुदा ई खाली आश्वासन ये आ अए ये किछु काज भी हेतय ई ते आगाँ देखल जाओ... जय मिथिला- जय मैथिल।।

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2011

स्त्रीलिंग आ पुलिंग...

खट्टर कका से पुछ्लों एक दिन
किया एहन ये भिन्न,
कियाक दाढ़ी स्त्रीलिंग ये
आ ब्लाउज या पुल्लिंग।

गोप सुनि के खट्टर कका के
पकैड़ लेलों अपन कान,
'घोर' हमर पुल्लिंग ये
स्त्रीलिंग ये 'दोकान'।
खाड़े-खाड़ खट्टर कका
दिए लागल मिसाल,
काकी के मायका
आ कका के ससुराल।

बस में चढि के अहाँ
बनि जायब नर से नारी,
संवाहको कहे लागत
आयब गेल सवारी।

ओ समय ते खट्टर कका पर
भेल गुमान,
बतेलक कोना करी जाऊ
तोता-तोती के पहचान,
दाना डालि के हिनकर
पहचान हेता,
जो चुगथीन ते तोती
चुगलाह ते तोता।
काका हाथऋषि की रचना स्त्रीलिंग और पुल्लिंग का मैथिल अनुवाद (Geeta-Kavita)

ट्रेन के टक्कर में एक दर्जन घायल...


बिहार के समस्तीपुर-बरौनी रेलखंड के कोरबद्धा गाम के पास गुरुवार के साँझ में ७बजे के करीब आउटर सिग्नल पर पटरी टूटै से दोनों सोझा से आबि रहल बरौनी-ग्वालियर आर गंगासागर एक्सप्रेस ट्रेनें आपस में भीड़ गेल। जैइसे दोनों ट्रेन के आधा दर्जन बोगी क्षतिग्रस्त भए गेल। ई घटना में करीब एक दर्जन लोग घायल भेल जिनका तुरंते समस्तीपुर रेलवे अस्पताल में भर्ती करायल गेल।
समस्तीपुर से चारि किलोमीटर दूर घटना स्थल पर काफी भीड़ जुमैड़ गेल आ खूब बवाल काटलक। राति के करीब नौ बजे रेलवे के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचल आ घायल के हाल-चाल पुछलक।

जुड़-शीतल केर हार्दिक शुभकामना...

सबसे पाहिले जुड़-शीतल केर हार्दिक शुभकामना, आय जुड़-शीतल छि मिथिला के लेल ई एकटा विशिष्ठ पर्व अछि। भोरे-भोर हम सुतल रहय छिए की एकाएक से कपाड पर बसिया पानि डालि देल जाय ये। जुड़-शीतल के नाम से गाम-घोर से जुडल लोग ते निक जोंका जानय ये मुदा जे गाम-घोर से दूर आ विदेश में रहय ये हुनका ई पर्व के बुझायल नै रहय ये एही में फेसबुक आ ब्लॉग बहुत मदद करय ये। कहियो ई पर्व मिथिला में बहुत जोड़-शोर मनायल जाय रहे, मुदा आब सब ई पवन पर्व के बिसरल जाय रहल ये। मूल रूप से ई पर्व में साफ़-सफाई लेल छैक ई में सब-गोटा मिली के गामक पोखर के साफ़ करय छैक आ एक दोसर पर कादो पानि फेकय छैक बड़ा मजा आबय ये ई खेल में. याह मौका पर एकटा गीत याद आबी रहल ये...
 ।।कोन नगर स एले तू बटोहिया , प्रीतम रहै छथि तोरे देश रे।।
।।विरह के राग अल्पे चिरैया, ल जो तू जुड़ शीतलक सनेश रे।।
कहल जाय ये की मिथिला से जुडल पर्व में कोनो नै कोनो तर्क जरुर छुपल रहय ये, याह पर्व के साथ भी ई ये की गामक पोखर ते साफ़ भए ही जाय ये साथ-साथ भानस घोर के एक साँझ के आराम भेट जाय ये कियाकि याह दिन हम सब बसिया खाना खाय छि खास कए के बड़ी आ भात। जुड़ शीतल चैत्र संक्रांति के परात भए के मनायल जाय ये। एही से जुडल मान्यता ई ये की जुड़-शीतल दिन जुड़ेने से भैर साल गरमी कम लागय ये आ कपाड शांत रहय ये। बसिया भात आ बड़ी खेने से जोंड़ीस सेहो नै होए अछि। एही दिन भोरे-भोर बहिन सब बसिया पानि लाsके पूरा सड़क,अंगना पटाबै छैक, कहल जाय ये जे एही से भाई के उमर बढ़य ये। हम ते भोरे भोर बड़ी भात खाय लेलों ये अहों सब खाओ... जय-मिथिला,जय मैथिल।।

गुरुवार, 14 अप्रैल 2011

बिहार केलक मिशाल कायम दोसरो राज्य करे लागल अनुकरण...

महाराष्ट्र विधानसभा बिहार के अनुकरण करैत बुध दिन एकटा एतिहासिक विधेयक पारित केलक। विधेयक में राज्य के पंचायत,जिला परिषद्,नगर निगम आर नगर परिषद् में महिला के ५० फीसदी आरक्षण दए के प्रावधान केलक ये।
बंबई ग्राम पंचायत अधिनियम १९५८ आर महाराष्ट्र जिला परिषद् आ पंचायत समिति अधिनियम-१९६१ में संशोधन करल गेल जाकर में आब स्थानीय निकाय में महिला के आरक्षण के बढ़ाये के ३३ फीसदी से ५० फीसदी कए देल गेल ये। ई विधेयक के चर्चा के बाद सर्वसम्मति से पारित कए देल गेल जैs लेल लगभग सबटा दल के लोग अपन पार्टी लाइन से उठि के एकर समर्थन केलक।
एते अहाँ के बताs दी बिहार,झारखण्ड,पश्चिम बंगाल आदि कुछ राज्य में पाहिले से महिला सब के ५०% आरक्षण मिल चुकल ये। जकर अनुकरण आब दोसर राज्य भी करय लागल ये।

चुनावी बयार...

गाँव के इलेक्शन पर हाइकू के कविता बनाबै के प्रयास केलो ये देखल जाओं...
मुखिया -:
चुनाव लेल
पहिरे लागल ये
खादी कुरता

सरपंच-:
बुझायल जों
महिमा चुनाव के
गेल बोराय

पंच-:
दारु,टका सों
ख़रीदे रहल ये
सबटा वोट

वार्ड-सदस्य -:
चुनावी नैया
पार करय लेल
जोड़ैत हाथ

जनता-:
पाँच साल के
निकालैत छिकार
ये बुधियार

बुधवार, 13 अप्रैल 2011

प्रकृति के प्रकोप लेलक चारि टा के जान...

बिहार के अररिया आर अरवल जिला में पिछला २४ घंटा में आंधी,तूफ़ान,आ ओलावृष्टि से गेहूं फसल के काफी नुकसान पहुंचल ये साथ ही साथ बिजली गिरय से चारि टा लोग के जान सेहो चलि गेल। अररिया जिला के फारबिसगंज थाना क्षेत्र के रामपुर गाम आ नरपतगंज गाम में आकाश सों गिरल बिजली के चपेट में ऐना से तीन टा लोग के जान चलि गेलमंगल के साँझ आ आय भोर आंधी,पानि आ ओलावृष्टि के चलतें अररिया के पश्चिमी आ पूर्वी क्षेत्र में गेहूं के फसल के बहुत पैघ क्षति पहुंचल ये, जबकि आंधी के कारण कईकटा गाछ,बिजली आर टेलीफ़ोन के खम्भा उखैड गेल ये


ओलावृष्टि से फसलों के भारी नुकसान पहुंचल ये
ओतय अरवल जिले के मेहंदिया थाना अंतर्गत हल्दिया गाम में बिजली गिरय से अनिल कुमार के मौत भए गेल। आ जिला के कलेर प्रखंड में गेहूं के फसल के काफी क्षति पहुंचल ये

प्रशासन ई प्राकृतिक आपदा के कारण भेल नुकसान के आकलन कए रहल ये। पटना स्थित मौसम विभाग कार्यालय बताय रहल ये कि बिहार के साथ उत्तर प्रदेश आर झारखंड के उपर कम दबाव का क्षेत्र बनय के कारण ई राज्य में कई स्थान पर तेज आंधी के साथे-साथ छिटपुट बारिश तथा ओलावृष्टि भेल ये।

चलूँ मीत आब लौट चलूँ...।।

चलूँ मीत आब लौट चलूँ
बूढ़ा बरगद केर बाँहों में,
पीपल  की ठंढा छाओं में
ओ दिलवाला के गाँवों में।।

जतय प्रेम के झरना बहैत होए
   आर लोग दीवाना होयत होए,
घर-घर में होली मनैत होए
और रोज दिवाली जलैत होए
 
 जतय राम-रहीम के मारि नै
गीता-कुरान हर घोर में होए,
मंदिर-मस्जिद के बेडी में
जतय लोग नै खुद के जकडल होए।।
जतय पहुनक के स्वागत में
लोगेन के दिल बिछि जायत होए,
एक दोसर के सुख-दुःख में भी,
सब मिल के हाथ बटाबैत होए।।

जतय मानवता सबसे पहिने
आर बाद में जाती आबे होए,
ओ राम राज्य के और चलूँ
चलूँ मीत आब लौट चलूँ...।।

मंगलवार, 12 अप्रैल 2011

गाँव-गाँव में इंटरनेट के जाल फैलावे के लेल बीएसएनएल कसलक कमर..

गाम-गाम में इंटरनेटक जाल बिछाबै के लेल बीएसएनएल कमर कसि लेलक ये जाकर लेल वाइमैक्स बीटीएस लगाबै के लेल तैयारी शुरू भए गेल ये। एखन तक  एक दर्जन जगह पर बीटीएस लागायल जाए चुकल ये। ओतय ढाई दर्जन जगह पर आरो लगयल जायत। बीटीएस के फायदा ग्रामीण क्षेत्र के इंटरनेट यूजर्स के होबे करत साथ ही साथ बाढ़ग्रस्त इलाका में एकर विशेष लाभ भेटत कियाकि  बाढ़ में फाइबर केबुल बहि जायत ये आ नबका केबुल बिछाबैत तक ओ सुविधा से वंचित रही जाय ये। याह बाधा के दूर करय के लेल बीएसएनएल एकटा नबका विकल्प के तौर पे वाईमैक्स बीटीएस लगानाय शुरू केलक ये। एही से केबुल कटय के या बढ़ में बहि के कोनो खतरा नै ये 

बीएसएनएल के अधिकारी कही रहल छैक जे दूरसंचार जिला मुजफ्फरपुर के सुदूर ग्रामीण इलाका औराई, बंदरा, बडकागांव, बोचहां, ढोली, दुबहा, गायघाट, गोखुला, जनाढ, काँटी, कुढनी, मनाईन, नरमा, रामनगर, डुमरी, कटसरी, पुरनहिया, तरियानी, अथरी, बथनाहा, बेलसंड, बोखरा, मेजरगंज, मझोलिया, नानपुर, रीगा, रुन्नीसैदपुर,
बैरगनिया, सिसौला कला, सोनबरसा आर सुरसंड में बीटीएस लगनाय तय ये। कईकटा जगह पर काजो शुरू भए गेल ये। ओतय कंपनीबाग, अहियापुर, भगवानपुर, ढोली, रतवारा, जनाढ़, बाजपट्टी, मीनापुर, परिहार, परसौनी, साहेबगंज और पुपरी (सीतामढ़ी) में वाइमेक्स बीटीएस लगाय देल गेल ये
एता हम अहाँ के बता दी की "वाइमेक्स बीटीएस वायरलेस ब्रॉडबैंड छि, जाकर में तीन तरह के मॉडम आबय ये जै से बिना केबुल के कनेक्शन के इंटरनेट काज करय ये आ स्पीड भी सही रहे ये

जखन गामक याद आबय ये ते अहाँ की करय छि......

जखन गामक याद आबय ये ते अहाँ की करय छि...?

शहर की भीड़-भाड़, आ शोर शराबा में
जतय सुस्ताबै के फुर्सत नै भेटय ये,
पैसा के हाय-हाय नै ते बाय-बाय ये
ओतय गामक चौपाल याद आबय ये ते अहाँ की करय छि

बंद कमरा के ए.सी. जतय तन के ते शुकून दए ये
मुदा मोन के नै,
ओतय पिपरक ठंढा छाँव याद आबय ते अहाँ की करय छि?

पंखा के हवा में जतय घुटन महसूस होए ये
घड़ी के टिक-टिक में जतय शोर सुनाय दए ये,
ओतय गामक पुरबाई याद आबय ये ते अहाँ की करय छि?

बाथरुम के बाथ-टब आ स्वीमिंग पूल के पानि
तन के ते भींगाबै छैक मुदा मोन के नै,
छीन लै ये हवा जतय मोनक चैन
ओतय पोखरी के डुबकी याद आबय ते अहाँ की करय छि?

भेपर लाइट के रौशनी से जतय रातियों दिन बुझाबै छैक
भक्क-भक्क रौशनी जतय आंखि नै सोहाबै छैक
ओतय चाँद के देखबाक लेल अहाँ की करय छि?
जो गाम के याद आबाय ते अहाँ की करय छि....???

सोमवार, 11 अप्रैल 2011

आय छि फणीश्वर नाथ रेनू के पुण्यतिथि...

पश्चिमी सभ्यता के रंग में रंगल आय हम भारतवासी आय हम बिसैरी गेलों की आजुके दिन हम हिंदी साहित्य के ओ महान विभूति कए जिनकर योगदान सों आय सोंसे बिहार ही नै सोंसे भारत नेहाल ये जी हाँ हम गोप कए रहल छि मिथिला के शान,बिहार के मान,आर देश के जान फणीश्वर नाथ रेणु के जिनकर साहित्य में अमूल्य योगदान के हम कहियो नै बिसैर सकब, एता हम पाठक के लेल हुनकर संक्षिप्त जीवनी डे रहल छि... 

नाम-  फणीश्वर नाथ रेणुजन्म : ४ मार्च, १९२१।
जन्म-स्थान : औराही हिंगना, जिला पूर्णिया, बिहार, भारत।

हिन्दी कथा-साहित्य के महान रचनाकार अछि। राजनीति में सक्रिय भागीदारी निभोलक। १९४२ के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एकटा प्रमुख सेनानी की भूमिका निभोलक। १९५० में नेपाली जनता कए राणाशाही के दमन आऔर अत्याचार सों मुक्ति दिलाबै के लेल ओतोका सशत्र क्रांति आ राजनीती में जिवंत योगदान देलक
१९५२-५३ में दीर्घकालीन रोग ग्रस्तता के बाद साहित्य की ओर हुनकर अधिक झुकाव भेल आ १९५४ में पहिल उपन्यास 'मैला आँचल' प्रकाशित आ  बहुचर्चित भेल।  कथा साहित्य के अलावा संस्मरण, रेखाचित्र और रिपोर्ताज आदि विधाओं में भी ओ लिखलखिन। जीवन के संध्याकाल में राजनीतिक आंदोलन से पुन: लगाव भेल आ पुलिस दमन का शिकार आ जेलों गेल। सत्ता के दमन चक्र के विरोध में पद्मश्री तक के उपाधि के त्याग कए देलखिन।
ई महान रचनाकार के निधन ११ अप्रैल १९७७ के भए गेल हुनकर गेला से सोंसे साहित्य जगत अन्हार भए गेल।
प्रमुख कृतियाँ -
उपन्यास :- मैला आँचल, परती परिकथा, कलंक-मुक्ति, जुलूस, कितने चौराहे, पल्टू बाबू रोड।
कहानी संग्रह :- ठुमरी, अग्निख़ोर, आदिम रात्रि की महक, एक श्रावणी दोपहरी की धूप, अच्छे आदमी।
संस्मरण :- ऋणजल-धनजल, वन तुलसी की गन्ध, श्रुत अश्रुत पूर्व।
रिपोर्ताज :- नेपाली क्रांन्ति कथा।

अजब-गजब ये बिहार के पंचायत चुनाव...

बिहार के पंचायत चुनाव हमेशा से ही मिडिया आ लोगेन सबहक लेल अजब-गजब रहल ये. जै गाम जायब वहि गाम में अहाँ के दू चारि टा एहन प्रत्याशी देखईले भेट जायत जे अपना आप में अजूबा होयत अछिहम सुपौल जिला किशन पुर प्रखंड के शिवपुरी पंचायत के बात कए रहल छि जतौका मुखिया पद के प्रत्याशी अपन गोर में अपन चुनाव चिन्ह के तख्ती लागोने आ हाथ में कनिया के उम्मीदवारी के परचा लेने घूमि-घूमि के वोट मांगि रहल ये आ अपन मंजिल के पाबय के लेल दिन राति एक केने ये। दोसर प्रत्याशी ये सुपौल जिला के सरायगढ़ के ई श्रीमान,लागय ये ई बेर जिला परिषद् पहुँचिये के दम लेत, चुनाव में खर्च जुटावै के लेल ई अपन जमीन बेच देलक ये। आ अपन नैया पार लगाबै के लेल गाम गाम में कोनो निषाद के खोजि रहल ये।
कियो पैसा के जोर पर ते कियो दारू के जोड़ पर जिनका देखियो वहि अपन गाय-माल,खेत-पथारी बेचीं के लागल ये कहुना के ई चुनावी रूपी नैया के पार लगाबै में। ओ बुझै ये की एक बेर जुनी मुखिया बनि जायब ते सोंसे राज-पाट हमरे ये। आ मतदाता के भी कम नै बुझू ओ भी शुसाशन के सरकार में बहुत तेज भए गेल ये, हुनकर कहनाय ये की हम पांच वर्ष तक हिनका बरदास्त केना छि ते हुंकारे छिकार कियाक नै लेब। ओ सब भी जैम के मुखिया आ परिषद् जी के लुटी रहल ये। उदहारण ये सहरसा जिला के पंचायत सोनबरसा के एतोका मुखिया के प्रत्याशी जहिया से नोमिनेशन लेलक ये ओही दिन सों हुनकर द्वार पे मॉंस आ दारु के ते बुझियो भोज भए रहल छैक, आचार संहिता के ठेंगा देखाबई वाला ई प्रत्याशी मस्त भए के लागल ये की जीत ते हमरे होयत, मुदा ऐ प्रत्याशी सबहक ई नै बुझायल ये की आब जनता जागि गेल ये आब ओ दिन लैद गेल जखन नोट पर वोट बिकायत रहे.

शनिवार, 9 अप्रैल 2011

महाकवि के निधन पर वीरान भेल मुजफ्फरपुर...

मुजफ्फरपुर सुनसान लागि रहल ये जिम्हर देखियो उम्हरे शोक आ शंताप के माहौल ये। अनाथ भए गेल सोंसे देश कियाकि महाकवि आचार्य जानकीवल्लभ शाश्त्री जी के निधन भए गेल। शुक्रवार के हुनकर सम्मान में शोकसभाएं आयोजित कए के श्रदांजलि दए वाला के ताँता लागल रहय।साथ ही साथ सरकार से ओ महाकवि के देशरत्ना से विभूषित करय के मांग जोर पकड़य लागल ये।'ऊपर-ऊपर पी जाते हैं, जो पीने वाले होतें हैं जेइसन अमर पंक्ति से समाज के वंचित लोगेन के प्रति अपन वेदना के उड़ेलइ वाला महाकवि के निधन से भारतीय साहित्य के बहुत पैघ क्षति पहुंचल ये। [055[4].jpg]हुनकर दिवंगत आत्मा के चिरशांति आ दुःख के ई घडी में हुनकर परिजन के धैर्य धारण करय के क्षमता प्रदान करय के लेल इश्वर से प्रार्थना करल गेल।महाकवि के आत्मा के शांति के लेल कैकटा विद्वान् आ नेता हुनकर घोर पहुंचल। महाकवि आचार्य जानकीवल्लभ शाश्त्री जी जन्म 5 जनवरी सन 1916 के औरंगाबाद के मैगरा गाम मे भेल छलन्हि. करीब सत्तर साल पहिने मुजफ्फरपुर अएला के बाद एहिठाम बसि गेलखिन्ह. एहिठाम रामदयालु सिंह कॉलेज,आरडीएस कॉलेज हिन्दी के विभागाध्यक्ष सेहो रहलखिन्ह। हुनकर निधन से सोंसे साहित्य जगत अनाथ भए गेल ये,मुदा उम्र के तकाजा कहियो आ होनी जिनकर बुलावा आबय छैक हुनका जाय से कियो नै रोकि सकय अछि। हिनकर रचना हिनकर प्रसिद्ध रचना मे मेघगीत,अवन्तिका,राधा,श्यामासंगीत,एक किरण:सौ झाइयां,दो तिनकों का घोंसला,इरावती,कालीदास,अशोक वन, सत्यकाम..आदि प्रसिद्ध अछि।
साहित्य जगत हुनकर निधन से अनाथ ते भए ही गेल ये साथ ही साथ हुनकर कमी के साहित्य जगत कहियो पूरा कए सकत की नै, ई एकटा सोचनिये विषय अछि।

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

हम 'पागल' छि...!!

हम 'पागल' छि
ई हम नै लोग कहे ये
ओ समय...!!

जखन हम हास्य छि, कहकहा लगाय के
की खिल जाय ये फुलवारी के सबटा फूल,
आर जखन कानय छि,चीत्कार पारि के
की छलनी भए जाय ये धरती के करेज
ओ समय लोग कहय ये...!!

जखन हम चीकरैत छि,पूरा मोन से
की गुंजाय देब अपन शंखनाद से चारो और
आ जखन हम चुप होए छि
की जेना रुकि गेल होए सांस सगे धरा
ओ समय लोग कहय ये...!!

जखन दौड़ेत छि हम पूरा वेग से
की जीत लेब जिनगी के हरेक रेस
आर जखन थकि के बैस जाय छि
की जेना ख़तम भए गेल ये जिबय की ईक्षा
ओ समय लोग कहय ये...!!

जों गायब-गुनगुनायब
हसब-मुस्कुरायब
चीखब-चिल्लाय्ब 
,रुसल-मनायब
पागलपन ये, ते हम छि
जे लोग कहय ये...!!

गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

नहाय खाय आय शुरू भए गेल ये छ्ठी के तैयारी ...

शुरू भए गेल ये छैठक तैयारी आय ये नहाय खाय।सब व्रती अपन-अपन तयारी में लायग गेल ये आस्था के ई महान पर्व के लेल। मिथिलाक संस्कृति में लोक आस्था के महापर्व छठ के बहुत पैघ स्थान अछि। ओना ते कार्तिक मास में होए वाला छठ में लोगेन सबहक खूब उत्साह देखल जाय ये  मुदा चैती छठ करय वाली व्रतियो के कोनो कमी नै ये,हुनको संख्या दिनक-दिन बढ़ल जाय अछि। नहाय-खाय से पहिलुक दिन बाजार में सूप-डगरा से लए के  नारियल आ भांति-भांति के पूजन सामग्री किनय के लेल उमड़ल व्रति के भीड़ एहि गोप बताय रहल रहें की लोग में श्रद्धा दिन प्रतिदिन बढ्लें जाय रहल ये। बांसक बनल डगरा साठ से नब्बे टका जोड़ा बिक रहल ते  सूप की कीमत तीस से पचास रुपये प्रति जोड़ा बिक रहल ये।दौरा के दाम ते ई बेर चोकां देलक ये एकर कीमत  एय बेर अस्सी से सौ रुपया पीस बिकी रहल ये। नवरात्र होये के बावजूद नारियल के दाम सामान्य ये मुदा नहाय-खाय के लेल कद्दू बीस से तीस रुपये किलो तक बिक रहल ये  लेकिन आस्था के लेल एकर कोनो महत्त्व नै ये

बुधवार, 6 अप्रैल 2011

एक बेर फेर देश के लेल शहीद भेल मिथिला के लाल...

एक बेर फेर देश के लेल शहीद भेल मिथिला के लाल...
हम बात कए रहल छि असम के जतय सहरसा जिलाक  भरौली गाम के सीआरपीएफ के जवान  देवेन्द्र कुमार साह कार्यरत रहथीन। आ असम में  मुठभेड़ के सामना करय में सहीद भए गेलय। हुनकर नाम आब  मिथिला के ओ इतिहास में अमर भए गेल जे कर्तव्य के वेदी पर अपन जान के बलि देलक ये। एता हम अहन के बता दी सहरसा जिला मिथिला के वही जिला ये जतय रमण कुमार झा सेहों जनमल अछि जे  कारगिल युद्ध के दौरान देश के लेल अपन जान कुर्बान कए देलक रहें। मिथिला के धरती आय ओ नाम से भरल अछि जे देश हित के लिए अपन जान के बाजी लगाबय में पीछा नै रहय अछि।मुदा ई घटना के देख के ते हमार फणीश्वर नाथ रेनू के ओ कविता याद आयब गेल..."मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर देना तुम फेंक, मातृभूमि पर शीश नावाने जिस पथ जाते वीर अनेक".

सजनी अहाँ किया...

सजनी अहाँ किया तमसाय छि
हमर मोन के किया भरमाय छि,
घोरक गोप के चौबटिया पे आनि के
हमर दिल के किया तङपाय छि...!!
सजनी अहाँ किया...
कानक बाली काशी से
दुमका सा झुमका आनलों,
माँगक सितफूल ले सजनी
अहाँ किया गरमाय छि...!!
सजनी अहाँ किया...

सितफुल आनि देब
गजरा आनि देब
ठोरक लाली कजरा आनि देब
आनि देब नौलखा हार ये,
सजनी अहाँ नै तमसाबू
घुमsयो लाय जाब बाज़ार ये
आब ते एक बेर मुसकियो सजनी
हिरदय कियाs पथराय छि...!!
सजनी अहाँ किया...

सोमवार, 4 अप्रैल 2011

हिंदू नववर्ष विक्रम संवत २०६८, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की हार्दिक शुभ मंगलकामना...

समस्त मैथिल आ मिथिलांचल के मिथिला मंच के तरफ से हिंदी नव वर्ष के हार्दिक शुभकामना।साथ ही साथ नवरात्री के मंगलमय शुभकामना,हम मिथिलामंच के तरफ से समस्त मिथिलांचल, मैथिल आ देश विदेश में जतेक भी मैथिल बसल ये हुनकर स्वास्थ,सुख आ समृधि के माँ भगवती से कामना करैत छि। आशा ये की अहाँ सबहक़ जीवन में ई साल नबका उमंग भरे।

Hindu New Year

हिंदी नव वर्षक के अखनो धैर उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, बिहार, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा आओर महाराष्ट्र में मान्यता दैत अछि। मुदा हम सब ग्रोगेरियन यानी अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार अपन काज धंधा करैत छि। ई बेर हिंदी वर्ष २०६८ अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार दिनांक 4 अप्रैल, 2011 के पडल ये। ई दिन मूल रूप से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, अमावस्या में चैत्र माह के बाद के दिन के मानल जाय ये। हिंदी नव वर्षक कलेंडर चंद्र-सौर प्रणाली के अनुसार काज करय ये। जाही कारन अखनो धैर हम सब सूर्योदय आ चंद्रोदय के सटीक भविष्यवाणी कs सकय छि।
चैत्रक नवरात्रि या बसंतक नवरात्रि, नव वर्ष के पहिल दिन से शुरू होयत ये. ई नवरात्रि श्री राम नवमी पे समाप्त होए ये. जकरा श्री राम नवरात्र के रूप में जाने जाय ये।

शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011

चलू प्रियतम लौट चली अपन गाँव...

चलू प्रियतम लौट चली अपन गाम में
ओही पिपरक ठंडा छाँव में
जतय रोटी छोट होयत अछि
मुदा हिरदय बड़ पैघ.

रोटी के दुई टुकड़ा कए के
आधा-आधा खाइत
आ लोटा भैर पैन पी के
लैत रहिये तृप्त ढकार

जमीनक बिछौना आ आकाशक ओढना सों
जतय सुतय छलिये पैर पसार
आ भा जायत छलिये
मिठ्गर स्वप्न सों द्वि चार

चलू मीत अपन वैsह ठाम
जतय पहुनक आबे से पाहिले
घोरक टांट आ दलानक मचान पर
कौआ करैत छै कांव-कांव

चलू प्रियतम लौट चली अपन गाम...

आ एता शहर में...


रोटी ते पैघ भेटय छै
मुदा मन बड़ छोट
मनुख ऊपर से व्यवहारिक अछि
आ भीतर सा बड़ ओछ

पाय के हाय-हाय अछि
एते जरुरत पर भेट
नै ते बाय-बाय अछि

एते प्रेम नै व्यापर अछि
एते शिक्षा नै अत्यचार अछि
सभ्य झलकैत छै सब
मुदा संस्कार नै अछि

चलू फेर ओही चोपाल में
हसी ठिठोली से जतय मिल के
गीत गबैत भजन गबैत
आ घंटो घोप हाँकैत

जतय देखे नै पडैत अछि
तुरते तुरत घड़ी
समय रुक जायत अछि जतय
सुख-दुःख बांटेईत भाव में

स्वर्गो के नज़ारा फीका अछि

जतय गामक मिठका पोखैर में
आबू सैर करब दुनू गोंटा
मिलकए ओतय नाव में

चलू प्रियतम लौट चली अपन गाँव...