सोमवार, 25 अप्रैल 2011

दहेज़ मुक्त मिथिला


किनको दिल के टुकड़ा, ओ भी टका के साथ चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

की बियाहक जरुरी, खाली लड़किये के होए ये I
जों नै ते कियाक, अहेंक धन के लोभ होए ये II
अहोंक ते जिए ले, एकटा जीवन साथी चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

कतेs त्याग करय ये लड़की, की अहाँ सोचने छि I
अपन घोर छोड़ि के दुःख कतेक होए ये, बुझने छि II
ई दुःख के बुझबाक लेल, "बेटा विदा" के रिवाज चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

नबका घोर में आबि के, ओ जीवन शुरू करय अछि I
खुद घुटैत रहे मोने-मोन, मुदा  सबके खुश रखय अछि II
वंशो के बढ़बाक लेल, अहाँक बच्चा के माय चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

यो किनको बेटी आनि कए, अहाँ उपकार नै करय छि I
कासत नै ये ई किनको , जे अहाँ अपन घोर भरय छि II
उलटे कन्यादानी के, अहाँक अहसान मानैक चाही I
कनी हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

अहाँ मिथिला के युवक छि, कियाक शर्मिंदा होए छि I
पौरुष से सब किछु हासिल होए ये किया नै बुझय छि II
अखने ई प्रतिज्ञा करियो, कनिया बिना दहेज़ चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II

किनको दिल के टुकड़ा, ओ भी टका के साथ चाही I
फेर हमरा बताऊ मैथिल, अहाँक दहेज़ कियाक चाही II
श्री हैहयवंशीय छत्रिय ताम्रकार समाज चीचली - वैवाहिक स्मारिका 23 अप्रैल 2008  से लेल आलेख के मैथिलि अनुवाद

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