मंगलवार, 12 अप्रैल 2011

जखन गामक याद आबय ये ते अहाँ की करय छि......

जखन गामक याद आबय ये ते अहाँ की करय छि...?

शहर की भीड़-भाड़, आ शोर शराबा में
जतय सुस्ताबै के फुर्सत नै भेटय ये,
पैसा के हाय-हाय नै ते बाय-बाय ये
ओतय गामक चौपाल याद आबय ये ते अहाँ की करय छि

बंद कमरा के ए.सी. जतय तन के ते शुकून दए ये
मुदा मोन के नै,
ओतय पिपरक ठंढा छाँव याद आबय ते अहाँ की करय छि?

पंखा के हवा में जतय घुटन महसूस होए ये
घड़ी के टिक-टिक में जतय शोर सुनाय दए ये,
ओतय गामक पुरबाई याद आबय ये ते अहाँ की करय छि?

बाथरुम के बाथ-टब आ स्वीमिंग पूल के पानि
तन के ते भींगाबै छैक मुदा मोन के नै,
छीन लै ये हवा जतय मोनक चैन
ओतय पोखरी के डुबकी याद आबय ते अहाँ की करय छि?

भेपर लाइट के रौशनी से जतय रातियों दिन बुझाबै छैक
भक्क-भक्क रौशनी जतय आंखि नै सोहाबै छैक
ओतय चाँद के देखबाक लेल अहाँ की करय छि?
जो गाम के याद आबाय ते अहाँ की करय छि....???

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