बिहार के पंचायत चुनाव हमेशा से ही मिडिया आ लोगेन सबहक लेल अजब-गजब रहल ये. जै गाम जायब वहि गाम में अहाँ के दू चारि टा एहन प्रत्याशी देखईले भेट जायत जे अपना आप में अजूबा होयत अछि।हम सुपौल जिला किशन पुर प्रखंड के शिवपुरी पंचायत के बात कए रहल छि जतौका मुखिया पद के प्रत्याशी अपन गोर में अपन चुनाव चिन्ह के तख्ती लागोने आ हाथ में कनिया के उम्मीदवारी के परचा लेने घूमि-घूमि के वोट मांगि रहल ये आ अपन मंजिल के पाबय के लेल दिन राति एक केने ये। दोसर प्रत्याशी ये सुपौल जिला के सरायगढ़ के ई श्रीमान,लागय ये ई बेर जिला परिषद् पहुँचिये के दम लेत, चुनाव में खर्च जुटावै के लेल ई अपन जमीन बेच देलक ये। आ अपन नैया पार लगाबै के लेल गाम गाम में कोनो निषाद के खोजि रहल ये।
कियो पैसा के जोर पर ते कियो दारू के जोड़ पर जिनका देखियो वहि अपन गाय-माल,खेत-पथारी बेचीं के लागल ये कहुना के ई चुनावी रूपी नैया के पार लगाबै में। ओ बुझै ये की एक बेर जुनी मुखिया बनि जायब ते सोंसे राज-पाट हमरे ये। आ मतदाता के भी कम नै बुझू ओ भी शुसाशन के सरकार में बहुत तेज भए गेल ये, हुनकर कहनाय ये की हम पांच वर्ष तक हिनका बरदास्त केना छि ते हुंकारे छिकार कियाक नै लेब। ओ सब भी जैम के मुखिया आ परिषद् जी के लुटी रहल ये। उदहारण ये सहरसा जिला के पंचायत सोनबरसा के एतोका मुखिया के प्रत्याशी जहिया से नोमिनेशन लेलक ये ओही दिन सों हुनकर द्वार पे मॉंस आ दारु के ते बुझियो भोज भए रहल छैक, आचार संहिता के ठेंगा देखाबई वाला ई प्रत्याशी मस्त भए के लागल ये की जीत ते हमरे होयत, मुदा ऐ प्रत्याशी सबहक ई नै बुझायल ये की आब जनता जागि गेल ये आब ओ दिन लैद गेल जखन नोट पर वोट बिकायत रहे.
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