|| हमर  मिथिला || 
हम त मैथिल छी , मिथिला लय जान दैत छी |
एहि   अन्हरिया   में  , पूनम   के  चान  दैत   छी || 
जागू - जागू  यौ   मैथिल  भोर  भय गेल 
 हमर मिथिला केहन अछि  शोर भय गेल 
सूतल      संध्या   के    जागल   विहान     दैत   छी |
हम त मैथिल छी , मिथिला लय जान दैत छी ||
एहि बातक गुमान , हमर मिथिला धाम
जतय के बेटी सीता , लेने अयली राम
मिथिला नव जाग्रति अभियान दैत छी |
हम त मैथिल छी , मिथिला लय जान दैत छी ||
जतय सीनूर पीठारे ढोरल अड़िपन
गीत गाओल गोसाउनिक मुदित भेल मन
शुभ मंडप में पागे चुमान दैत छी |
हम त मैथिल छी , मिथिला लय जान दैत छी ||
कवि कोकिल विद्यापति चंदा झा छलैथ
गार्गी मंडन लखिमा अनेको भेलैथ
"रमण " पग - पग पर पाने मखान दैत छी |
हम त मैथिल छी , मिथिला लय जान दैत छी ||
रचनाकार -
रेवती रमन झा "रमण "
मो - 9997313751
हम त मैथिल छी , मिथिला लय जान दैत छी ||
एहि बातक गुमान , हमर मिथिला धाम
जतय के बेटी सीता , लेने अयली राम
मिथिला नव जाग्रति अभियान दैत छी |
हम त मैथिल छी , मिथिला लय जान दैत छी ||
जतय सीनूर पीठारे ढोरल अड़िपन
गीत गाओल गोसाउनिक मुदित भेल मन
शुभ मंडप में पागे चुमान दैत छी |
हम त मैथिल छी , मिथिला लय जान दैत छी ||
कवि कोकिल विद्यापति चंदा झा छलैथ
गार्गी मंडन लखिमा अनेको भेलैथ
"रमण " पग - पग पर पाने मखान दैत छी |
हम त मैथिल छी , मिथिला लय जान दैत छी ||
रचनाकार -
रेवती रमन झा "रमण "
मो - 9997313751
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अपन मोनक भावना के एते राखु