शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

रक्षा-बंधनक बहुत बहुत शुभकामनाए


हिन्दू कैलेण्डरक अनुसार सावन महिनाक पूर्णिमाक दिन रक्षाबंधन पवित्र त्यौहार मनायल जाय अछि. एही त्यौहार स भाई-बहिनक एक दोसरक प्रति प्यार, स्नेह, आ अटूट विश्वास झलकय अछि. एही दिन बहिन अपन भाईक कलाई पर रेशमक धागा बांधय अछि, हुनकर ललाट पर तिलक लगाबै छैक संगे हुनकर दीर्घायु आ प्रसन्नताक लेल इश्वर स प्रार्थना करैत अछि। भाइयो एही पवित्र बंधनक मौका पर अपन बहिनक हरेक परिस्थिति म यथा संभव हुनकर रक्षा करय के प्रतिज्ञा करय अछि आ संगे उपहार सेहो दए अछि।
हिन्दू पंचांगक अनुसार सावनक पूर्णिमाक दिन जों भद्रकाल परय त राखी नै बंधवाक चाही, कथानुसार रावन एही काल मे अपन बहिनक सुर्पनेखा स राखी बंधवेलक रहे आ एक्के साल म हुनकर कुल सहित नाश भए गेल।
हिन्दू पुराण मे लिखल कथाक अनुसार एक बेर पांडवक कनिया द्रोपदी भगवान् श्रीकृष्णक कलाई स बहैत खून क रोकय कए लेल अपन साडीक अंचरा फाड़ी कए हुनकर कलाई पर बंधलक रहे ओही दिन स भाई-बहिनक एही पवित्र रिश्ताक शुरुवात भेल। एही समय श्रीकृष्ण द्रोपदीक रक्षाक वचन देलक आ चीर हरण काल हुनकर लाज बचेलक। एहन विश्वास अछि जे ओही समय से हिन्दू समाज मे एही पवित्र रिस्ताक शुरुवात भेल।

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