काल्हि श्रीराम सेंटर खचाखच भरल छल, दर्शकक थपड़ी स श्रीराम सेंटरक हरेक कोन गुंजि रहल छल, एक बेर फेर गवाह बनल श्रीराम सेंटर मिथिलाक एकटा अद्भुत दृश्य केर, जी हाँ मौका छल मिथिलोत्सव २०११ क.
ओना त प्रकाश झा एही स पहिनो कैकटा नाटकक आ कर्यक्रमक सफल मंचन कए चुकल अछि मुदा एही उत्सव क देखैत इ कहल जाय सकय छी की हुनकर निर्देशन म दिन प्रतिदिन निखार आबी रहल छल।
कार्यक्रमक शुरुवात भेल मंच संचालक सोम्या जीक मधुर आवाज सों, सोम्या जी एकटा मांजल कलाकार त छेबे करथिन संगे एकटा नीक मंच संचालिका सेहो, हुनकर मंच संचालन दर्शक म एकटा नव स्फूर्ति प्रदान करैत आयल। फेर मंच पर आयल नेहा वर्मा जिनकर नृत्य दर्शक केर दिल पर एकटा अमिट छाप छोरि देलक, दर्शक थपडी स रुकय क नाम नै लए रहल रहे।
आओर नृत्यक बाद शुरू भेल नाटक "ललका पाग" ;राजकलम चौधरी द्वारा लिखित एही कहानीक मंचन त पहिनो कैक बेर भ चुकल अछि मुदा राजकमल चौधरी क एहने प्रभाव अछि जे हरेक बेर इ नाटक एकटा नव आ नीक रूप म अबैत अछि। मैथिल स्त्रीक संस्कार आ हुनकर चरित्रक सम्पूर्ण विवरण अछि एही नाटक म, मैथिल स्त्री कोनाक अपन सासुर म रहय पडैत अछि कोनाक हुनका दुःख सहितो सासुर केर सेवा म लागय पड़य अछि, कोनाक अपन पतिक सुख लेल ओ सब किछुक त्याग क सकय अछि।
नाटकक रंग तखन आओर गहरिया गेल जखन एही म मुकेश जीक आ ज्योती जीक अभिनयक तड़का लागल। निश्चित कर्यक्रम म चार चाँद लगा देलक तिरु क रूप म ज्योती जीक अभिनय आ राधा चौधरीक अभिनय म मुकेश जी, दुनु गोटे मैलोरंगक मांजल कलाकार त अछिए संगे दुनु म अभिनय छमता कूट-कूट क भरल अछि, नाटकक अंत केर एकटा दृश्य मोन पडैत अछि जखन राधा चौधरी बनल मुकेशक कनबाक दृश्य छल, हुनक ओ भोकरी दर्शक द्रिघा म बैसल सब गोटेक हृदयक पार भ गेल, खुद मुकेश जीक उम्दा अभिनय जे बिना गिलिसरीन क हुनकर आंखि स नोर बहे लागल।
फेर शुरू भेल कर्यक्रम दोसर चरण जाही म सम्मान समारोहक आयोजन करल गेल छल, मैथिली रंगमंचक क्षेत्र म उत्कृष्ठ योगदानक लेल तीन गोटेक एही सम्मान स विभूषित करल गेल।

ज्योतिरीश्वर सम्मान - रंगकर्मी दयानाथ झा
मैथिली नाटक मे दीर्घकालीन आ उत्कृष्ट सक्रियता क लेल हिनका इ सम्मान देल गेलैनि। दयानाथ जीक जन्म २ जनवरी १९४० क मधुबनीक नगदाह गाम म भेलैनि अछि। तकनीकी पढाईक संग रविन्द्र भारती नाट्य संस्थान कोलकाता स सीनियर डिप्लोमा इन ड्रामा केलैनि अछि। कोलकाता म १९५६ स लगातार मैथिली रंगमंचीय गतिविधि स जुडल अछि। लगभग पचास टा मैथिली नाटक म अभिनय केलैनि अछि। आकाशवाणी कोलकाता क दस-बारह कार्यक्रम म सहभागिता। भारत आ नेपाल म कैकटा सम्मान स सम्मानित संगे चेतना समिति पटना स मिथिला विभूति सम्मान स सम्मानित। मैथिली रंग मंच म अपन जीवनपर्यंत योगदान देबाक लेल हिनका ई सम्मान देल गेल अछि।
श्रीकांत मंडल सम्मान - रंगकर्मी मुकेश झा
मैथिली रंगपटल पर अभिनयक क्षेत्र म अपन उत्कृष्ट योगदान क लेल हिनका ई युवा सम्मान देल गेलैनि अछि। मुकेश जी मूल रूप स बरहा, मधुबनी, बिहारक अछि, १२ अप्रेल १९८१ म जनमल एही युवा रंगकर्मी महाविद्यालयक समय स रंगमंच म सक्रिय अछि। स्नातकक बाद दिल्ली स्थित श्री राम सेंटर स रंगमंच म दू वर्षक डिप्लोमा केलैनि अछि। रंगमंच म अपन विशिष्ठ योगदानक लेल संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार स नॅशनल जूनियर फेलोशिप प्राप्त एही युवा रंगकर्मी क लगभग ३५ टा नाटक मे अभिनय आ ५० टा सा बेसी नाटक मे मंच पाश्व क विशेष अनुभव अछि हिनका। मेलोरंग रेपर्टरीक प्रमुख संगे नटरंग प्रतिष्ठानक प्रलेखन विभाग म कार्यरत।
प्रमिला झा सम्मान - रंगकर्मी सुधा झा
मैथिली रंगमंच म महिलाक सक्रियता क प्रोत्साहित करय क लेल एही वर्षक सम्मान मैथिली रंगमंचक सुप्रसिद्ध अभिनेत्री सुधा झा क देल गेल अछि। सुधा जीक जन्म दरभंगा मे भेल अछि। नैनपन स मैथिली रंगमंच म अपन जोरदार उपस्थितिक संग प्रमिला जी बोकारो आ दरभंगाक कैकटा मैथिली आ हिंदी नाटक म अभिनय केलैनि अछि। मैथिली, हिंदी, आ भोजपुरीक कैकटा फिल्म, सीरियल, आ विज्ञापन मे प्रमिला जी अभिनय क चुकलखिन अछि। सुधा जी मैलोरंग स लगातार जुडल अछि आ मैलोरंगक कैकटा नाटक म अपन योगदान द चुकल अछि।
फेर शुरू भेल रंगारंग कार्यक्रमक सुरुवात भेल मैथिली रंग म रंगल एकटा छः वर्षक मिथिलाक बेटी "मैथिली ठाकुर" स जिनकर जय जय भैरवी स भेल शुरुवात दर्शकगण म एकटा नब उर्जाक संचार केलक, निश्चित कहल जाय सकय अछि जे मैथिली ठाकुर मिथिलाक उद्दीयप्मान गायिका बनि क उभरत। मैथिली ठाकुर सारेगामा लिट्ट्ल चेम्स म सेहो पार्टीसिपेट केने अछि आ हुनकर गायकी लाजवाब लागल।
फेर एक एक कए क मंच पर रास गायक लोग एलेंन जाही म संजय झा जी जोगिया रूप हम देखलो गे माई, भाष्कर जीक हेरोउ उगना, करुना जीक दर्शन दिय माँ दुर्गा भवानी, आ पुष्पा जीक मोरा रे अंगनवा शामिल रहे। सबहक गायिकी कुनू खास नै लागल एहेन बुझायल जे सब कियो जबरदस्ती मंच पर चढ़ी गेल होए।
एही सबहक बीच मैथिलीक एकटा एहन सितारा रहे जिनकर बाट आय तीन मास स हुनकर संगीत प्रेमी जोह रहल रहे, जी हाँ हम गप कए रहल छी मैथिली संगीतक सुरमनी "अंशुमाला जी" ; गंभीर बीमारी स ग्रस्त अंशु एक प्रकार स दोसर जन्म ल एक बेर फेर मंच पर देखि दर्शकगणक ताली स सोंसे श्रीराम सेंटर गुंजि गेल। पिया मोरा बालक आ झूमना बरद संग केर प्रस्तुति दर्शकक वाह वाह करय क लेल मजबूर क देलक। आब एकरा संयोग कहू आ की अंशुक इच्छा मुदा हिंदी आ मैथिली मंचक एहि युवा गायिकाक मंच पर वापसी मैथिली मंच स भेल, ताहि लेल हुनका अपनो गर्वक अनुभूति भ रहल रहे।
कुल मिलाक मिथिलोत्सव अपन एकटा अमिट छाप छोडेय म सफल रहल। दिल्ली म मिथिलाक एही धमक सोंसे उत्तर बिहार म सूना पड़य से माँ भगवती स कामना करैत आ रंगमंचक चर्चा करैत सब विदा भेल। निश्चित प्रकाश जी एकटा नीक निर्देशक संगे एकटा नीक लोग सेहो छथिन जे दिल्ली म मिथिलाक गूंज क समय समय पर गुंजायमान करैत रहैत अछि। आ दिल्ली म मिथिला क चमक क बरक़रार रखि रहल अछि ताहि लेल हुनका पुनः पुनः धन्यवाद।
ओना त प्रकाश झा एही स पहिनो कैकटा नाटकक आ कर्यक्रमक सफल मंचन कए चुकल अछि मुदा एही उत्सव क देखैत इ कहल जाय सकय छी की हुनकर निर्देशन म दिन प्रतिदिन निखार आबी रहल छल।
कार्यक्रमक शुरुवात भेल मंच संचालक सोम्या जीक मधुर आवाज सों, सोम्या जी एकटा मांजल कलाकार त छेबे करथिन संगे एकटा नीक मंच संचालिका सेहो, हुनकर मंच संचालन दर्शक म एकटा नव स्फूर्ति प्रदान करैत आयल। फेर मंच पर आयल नेहा वर्मा जिनकर नृत्य दर्शक केर दिल पर एकटा अमिट छाप छोरि देलक, दर्शक थपडी स रुकय क नाम नै लए रहल रहे।
आओर नृत्यक बाद शुरू भेल नाटक "ललका पाग" ;राजकलम चौधरी द्वारा लिखित एही कहानीक मंचन त पहिनो कैक बेर भ चुकल अछि मुदा राजकमल चौधरी क एहने प्रभाव अछि जे हरेक बेर इ नाटक एकटा नव आ नीक रूप म अबैत अछि। मैथिल स्त्रीक संस्कार आ हुनकर चरित्रक सम्पूर्ण विवरण अछि एही नाटक म, मैथिल स्त्री कोनाक अपन सासुर म रहय पडैत अछि कोनाक हुनका दुःख सहितो सासुर केर सेवा म लागय पड़य अछि, कोनाक अपन पतिक सुख लेल ओ सब किछुक त्याग क सकय अछि।
नाटकक रंग तखन आओर गहरिया गेल जखन एही म मुकेश जीक आ ज्योती जीक अभिनयक तड़का लागल। निश्चित कर्यक्रम म चार चाँद लगा देलक तिरु क रूप म ज्योती जीक अभिनय आ राधा चौधरीक अभिनय म मुकेश जी, दुनु गोटे मैलोरंगक मांजल कलाकार त अछिए संगे दुनु म अभिनय छमता कूट-कूट क भरल अछि, नाटकक अंत केर एकटा दृश्य मोन पडैत अछि जखन राधा चौधरी बनल मुकेशक कनबाक दृश्य छल, हुनक ओ भोकरी दर्शक द्रिघा म बैसल सब गोटेक हृदयक पार भ गेल, खुद मुकेश जीक उम्दा अभिनय जे बिना गिलिसरीन क हुनकर आंखि स नोर बहे लागल।
फेर शुरू भेल कर्यक्रम दोसर चरण जाही म सम्मान समारोहक आयोजन करल गेल छल, मैथिली रंगमंचक क्षेत्र म उत्कृष्ठ योगदानक लेल तीन गोटेक एही सम्मान स विभूषित करल गेल।

ज्योतिरीश्वर सम्मान - रंगकर्मी दयानाथ झा
मैथिली नाटक मे दीर्घकालीन आ उत्कृष्ट सक्रियता क लेल हिनका इ सम्मान देल गेलैनि। दयानाथ जीक जन्म २ जनवरी १९४० क मधुबनीक नगदाह गाम म भेलैनि अछि। तकनीकी पढाईक संग रविन्द्र भारती नाट्य संस्थान कोलकाता स सीनियर डिप्लोमा इन ड्रामा केलैनि अछि। कोलकाता म १९५६ स लगातार मैथिली रंगमंचीय गतिविधि स जुडल अछि। लगभग पचास टा मैथिली नाटक म अभिनय केलैनि अछि। आकाशवाणी कोलकाता क दस-बारह कार्यक्रम म सहभागिता। भारत आ नेपाल म कैकटा सम्मान स सम्मानित संगे चेतना समिति पटना स मिथिला विभूति सम्मान स सम्मानित। मैथिली रंग मंच म अपन जीवनपर्यंत योगदान देबाक लेल हिनका ई सम्मान देल गेल अछि।
श्रीकांत मंडल सम्मान - रंगकर्मी मुकेश झा
मैथिली रंगपटल पर अभिनयक क्षेत्र म अपन उत्कृष्ट योगदान क लेल हिनका ई युवा सम्मान देल गेलैनि अछि। मुकेश जी मूल रूप स बरहा, मधुबनी, बिहारक अछि, १२ अप्रेल १९८१ म जनमल एही युवा रंगकर्मी महाविद्यालयक समय स रंगमंच म सक्रिय अछि। स्नातकक बाद दिल्ली स्थित श्री राम सेंटर स रंगमंच म दू वर्षक डिप्लोमा केलैनि अछि। रंगमंच म अपन विशिष्ठ योगदानक लेल संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार स नॅशनल जूनियर फेलोशिप प्राप्त एही युवा रंगकर्मी क लगभग ३५ टा नाटक मे अभिनय आ ५० टा सा बेसी नाटक मे मंच पाश्व क विशेष अनुभव अछि हिनका। मेलोरंग रेपर्टरीक प्रमुख संगे नटरंग प्रतिष्ठानक प्रलेखन विभाग म कार्यरत।
प्रमिला झा सम्मान - रंगकर्मी सुधा झा
मैथिली रंगमंच म महिलाक सक्रियता क प्रोत्साहित करय क लेल एही वर्षक सम्मान मैथिली रंगमंचक सुप्रसिद्ध अभिनेत्री सुधा झा क देल गेल अछि। सुधा जीक जन्म दरभंगा मे भेल अछि। नैनपन स मैथिली रंगमंच म अपन जोरदार उपस्थितिक संग प्रमिला जी बोकारो आ दरभंगाक कैकटा मैथिली आ हिंदी नाटक म अभिनय केलैनि अछि। मैथिली, हिंदी, आ भोजपुरीक कैकटा फिल्म, सीरियल, आ विज्ञापन मे प्रमिला जी अभिनय क चुकलखिन अछि। सुधा जी मैलोरंग स लगातार जुडल अछि आ मैलोरंगक कैकटा नाटक म अपन योगदान द चुकल अछि।
फेर शुरू भेल रंगारंग कार्यक्रमक सुरुवात भेल मैथिली रंग म रंगल एकटा छः वर्षक मिथिलाक बेटी "मैथिली ठाकुर" स जिनकर जय जय भैरवी स भेल शुरुवात दर्शकगण म एकटा नब उर्जाक संचार केलक, निश्चित कहल जाय सकय अछि जे मैथिली ठाकुर मिथिलाक उद्दीयप्मान गायिका बनि क उभरत। मैथिली ठाकुर सारेगामा लिट्ट्ल चेम्स म सेहो पार्टीसिपेट केने अछि आ हुनकर गायकी लाजवाब लागल।
फेर एक एक कए क मंच पर रास गायक लोग एलेंन जाही म संजय झा जी जोगिया रूप हम देखलो गे माई, भाष्कर जीक हेरोउ उगना, करुना जीक दर्शन दिय माँ दुर्गा भवानी, आ पुष्पा जीक मोरा रे अंगनवा शामिल रहे। सबहक गायिकी कुनू खास नै लागल एहेन बुझायल जे सब कियो जबरदस्ती मंच पर चढ़ी गेल होए।
एही सबहक बीच मैथिलीक एकटा एहन सितारा रहे जिनकर बाट आय तीन मास स हुनकर संगीत प्रेमी जोह रहल रहे, जी हाँ हम गप कए रहल छी मैथिली संगीतक सुरमनी "अंशुमाला जी" ; गंभीर बीमारी स ग्रस्त अंशु एक प्रकार स दोसर जन्म ल एक बेर फेर मंच पर देखि दर्शकगणक ताली स सोंसे श्रीराम सेंटर गुंजि गेल। पिया मोरा बालक आ झूमना बरद संग केर प्रस्तुति दर्शकक वाह वाह करय क लेल मजबूर क देलक। आब एकरा संयोग कहू आ की अंशुक इच्छा मुदा हिंदी आ मैथिली मंचक एहि युवा गायिकाक मंच पर वापसी मैथिली मंच स भेल, ताहि लेल हुनका अपनो गर्वक अनुभूति भ रहल रहे।
कुल मिलाक मिथिलोत्सव अपन एकटा अमिट छाप छोडेय म सफल रहल। दिल्ली म मिथिलाक एही धमक सोंसे उत्तर बिहार म सूना पड़य से माँ भगवती स कामना करैत आ रंगमंचक चर्चा करैत सब विदा भेल। निश्चित प्रकाश जी एकटा नीक निर्देशक संगे एकटा नीक लोग सेहो छथिन जे दिल्ली म मिथिलाक गूंज क समय समय पर गुंजायमान करैत रहैत अछि। आ दिल्ली म मिथिला क चमक क बरक़रार रखि रहल अछि ताहि लेल हुनका पुनः पुनः धन्यवाद।
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