मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

स्वाभिमान

एकटा गरीब सन बच्चा काल्हि कॉलेज गेट पर कही रहल रहे, "भाईजी हम अहाँक गाड़ी साफ़ कए दी"।
"भागली की नै, हमरा नै करेबाक अछि अपन गाडी साफ़, जो कतो आरो बाट ताक गे"  हुनका देखि बड़ा बेरुखी स ओ कहलक।
"भाईजी हम दू दिन स किछु नै खेलोंउ अछि।" बच्चा हकरैत बिहुसैत कहलक।
" ई ले दू टका आ किछु खाइ आ गे।" ओ दया से दू टकाक नोट दैत बाजलक।
" नै भाईजी, हमर बहिन हमरा जाने मारि दैत। ओ हमरा भीख मांगय स मना केलक अछि"।
। बच्चाक चेहरा स्वाभिमान स दमैक उठल, भाईजी विस्मित भए क हुनका ताकि रहल अछि।

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