मंगलवार, 12 जुलाई 2011

मिथिलाक लाल केलक सिनेमा में धमाल

कहल जाय ये प्रतिभा कुनू धन आ जगहक मोहताज नै होए अछि किछु एहने फैकरा के चरितार्थ कए रहल अछि बिहारक मधेपुरा जिलाक एकटा छोट सनक गाम से आयल ई प्रतिभा  जे सोंसे भारत में अपन अभिनय के लोहा मनबा रहल अछि...। जी हाँ हम गप कए रहल छी राहुल सिन्हाक जिनकर जन्म २१ फरबरी १९७७ कए मधेपुरा जिलाक एकटा छोट सनक गाम बुधमा में भेल अछि। बच्चे से बहुमुखी प्रतिभाक धनी राहुल जी गामक बच्चा संगे गाम घर में नाटक खेलैत खेलैत कहिया एकरा अपन करियर बना लेलक पते नै चलल...। पढाई लिखाई में तेज राहुल हरदम अपन क्लास में फर्स्ट आबय रहे मुदा पढाई के संगे अपन कला से कुनू समझौता नै करलक। राहुल जी अपन जीवन काल के प्रारंभिक शिक्षा से लए के स्नातक तक के शिक्षा सहरसा जिला में मनोहर लाल टेकरीवाल कॉलेज से केलैथि। सांख्यकी से स्नातक केला के बाद दिल्ली आयल आ त्रिवेणी कॉलेज से फोटोग्राफी में स्नातक केलैथि मुदा अन्दर के कलाकार मन...फोटोग्राफी में मोन नै लागल आ किछु दिन के बाद हिमाचल प्रदेश के मंडी ड्रामा स्कूल से ड्रामेटिक आर्ट में डिप्लोमा कैलक आ निकैल गेल अपन अपन अन्दर के कला के निखारै लए मायावी नगरी मुंबई...।
राहुल जी अपन जीवन के पहिल स्टेज शो अपन कॉलेज के दिन में सहरसा में केलैथि रहे जिनकर नाम रहे नाटक अमली... सहरसा के आह्वान नाट्य मंच पर आर. टी. रंजन के निर्देशन में मंचित ई नाटक सहरसाक लोग के दिल में बैठ गेल आ राहुल तखने से एकटा सशक्त अभिनेता के रूप में उभरल। मुंबई एला के बाद हिनकर पहिल अभिनय रहे बाहुबली धारावाहिक में ललन सिंह के भूमिका। बिहार के बाहुबली नेता पर बनल ई धारावाहिक में राहुल अपन अभिनय के लोहा मनाय देलक। परिणाम सोंझा आयल आ हिंदी फिल्म दिलनशी में काज भेटल। दिन बढैत गेल आ अभिनय निखरैत गेल। आब राहुल जी के पास सिनेमा के भरमार लागल ये। हिनकर मैथिली फिल्म सजना के आँगन में सोलह श्रृंगार दशहरा के सुभ अवसर पर अपना लोकनि के बीच आएत एही में मुख्य भूमिका में राहुल जी छैथ। एकर अलावा जे हिनकर दू टा मैथिली फिल्म कोशी मैया आ सबरी के बैर, आ एकटा हिंदी फिल्म पुष्पांजली सेहो कतार में अछि जे जल्दहीं हमरा सबहक बीच आएत।
राहुल जी के आगामी योजना ये सहरसा जिला में एकटा नाट्य विद्यालय खोलय के ताकि अपन गाम घर के जे कलाकार पैसा के या नीक दिशा निर्देश के आभाव के दम तोड़ी दए अछि से नै होए।
राहुल जी के मातृभाषा के प्रति समर्पण अतुलानिये ये एही मुकाम पर पहुँच कए भी हुनकर अपन मातृभाषा आ मातृभूमि के प्रति लगाव अद्भुत ये। एकर कुनू वर्णन नए करल जाए सकय अछि।



सजना क आँगन मे सोलह श्रृंगार के किछु दृश्य

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