बुधवार, 11 मई 2011

हकार दैत छी - सीता नवमी पूजनोत्सव २०११ - १२ मई बृहस्पति दिन के

सीता नवमी के विलुप्तता एकटा महा संकटक आगमन के दिस इन्कित करैत अछि. माँ जानकी मिथिलाक जननी छथि आ हुनके नाम सं मिथिलाक नाम रहल अछि. आजुक दिन में समस्त जगत माँ जानकीक पूजन करैत छथि मुदा बहुत कम लोकिन के बुझल हेतैन जे माँ जानकी मिथिलाक धिया छली . एक तरहे सीता नवमी के हम सव मिथिलानी दिवस कहि सकैत छी. सीता नवमी मैथिल महिला सबहक धैर्य आ पतिब्रत धर्मक प्रतिविम्ब थिक .
आजुक दिन में समस्त त्यौहार आ पर्वक सरकार आ समाज मान्यता देने अछि मुदा सीता नवमी के समस्त मैथिल समाजो नहीं मनबैत छैथ. जरूरी अछि जे एक्कर पूर्ण मान्यता होई आ लोक बुझैत जे सीता नवमी मिथिलाक राष्ट्रिय त्यौहार अछि. बहुत पहिने सं बड्ड रस संस्था सव सीता नवमी के राष्ट्रीय स्तर पर मनाबय के कोशिश में लागल छैथ. नुदा बिभिन्न कारने ई निरंतर नहीं भ पायल अछि.
वास्तव में सरकार सेहो जानकी नवमी के राष्ट्रिय त्यौहार मानय में कान में तेल ल सुतल अछि. अहि के कारण अछि जे स्वयं हम मैथिल सव सीता नवमीके प्रति ओतेक जागरूक नहीं छी . आई हम सव पश्चिमी पर्व जेना कि प्रेम दिवस , क्रिसम्स  आदि मनबैत छी मुदा ओही ठाम बहुते रास मैथिल के इहो नई बुझल होयत जे सीता नवमी कोन महिनामे परैत अछि.
अतएब, इएह बिभिन्न कारक तत्वके  निर्मूल क’ सीता नवमीके राष्ट्रिय धरोहरके रूपें स्थापित करयके हेतु हम सव हर साल सीता नवमीके आयोजन करव.

कार्यक्रम रुपरेखा

  • १२ मई २०११ बृहस्पति दिन भोर १०:३० बजे पूजा क शुभारम्भ .
  • १२ मई २०११ बृहस्पति दिन अपरान्ह १२ बजे सं समुचित मैथिली सीतायण वाचन एवं प्रशाद बितरण शुरु .
  • १२ मई २०११ बृहस्पति दिन  सांझ ७:३० बजे धरि माँ जानकीक मैथिली कीर्तन आ भजन.
सीतायन वाचन में भाग लेब के लेल उत्सुक्त मैथिल सब सं आग्रह  जे पहिने नामांकन कराओल जाय. संगे जं किनको माँ जानकीक पूजा कराबय के होइन त पूजन स्थल पर विशेष पूजाक व्यवस्था सेहो रहत

अंत मे

समस्त यूथ ऑफ मिथिला परिवार अपनेक आमंत्रण दैत अछि जे स-परिवार उपथित भ पूज्नोत्सवक लाभ उठाऊ आ माँ सीताक आशीर्वाद संगे सितायण वाचन के आशीर्वचन  सुनल जाऊ. धन्यबाद

सौजन्य यूथ ऑफ़ मिथिला

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