आबू पर्वत सs किछु सिखी हम
आशमान म ऊँचा मस्तक चरण भूमि म गारल य !
भनs चारू दिशा य कारी स्याही अन्दर सs अजबारल य !
उत्तर के तेज हवा भी हुनका सs हारल य !
कियो कहै य हिमालय कियो कहै य सागरमाथा
भूमि के हम स्वर्ग छी, आ जटा शिव सौं सवारल य
शिव गौरी एते विराजs , धरा गंगा सs पखारल य !
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अपन मोनक भावना के एते राखु