मंगलवार, 3 मई 2011

रुबाइ

अपन सपना अपने मेटाs लेलों हम  
अपन भागक दीपक मेझा लेलों हम      
ओ कहलक कनिकटा इजोत कs दियो      
अपना घरक फक्क से जला लेलों हम   

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपन मोनक भावना के एते राखु