बुधवार, 25 मई 2011

दू टा ग़ज़ल

(१)
हुनका सों हँसि के बाजलों ते हल्ला मचि गेल
हुनक मुँह दिस ताकलों तs हल्ला मचि गेल

रूपक चन्द्रमा के कारी अमावस केने रही
चमकैत पूर्णिमा के देलों तs हल्ला मचि गेल

ओ नैनक कटार से सबके ये घायल केने
हम नजैर से जे ताकलों तs हल्ला मचि गेल

हुनक रूपक लाइट भक्क-भक्क जरैत ये
सबहक डिबिया मिझेलों तs हल्ला मचि गेल

ओ आँखिक इशारा जे मारलक मुंडेर पर
हम फादि गेलों जे देबार तs हल्ला मचि गेल

अहों लिखूं ग़ज़ल ओ कहैत रहे सदिखन
करिया
कलम जेs उठेलों तs हल्ला मचि गेल
 
 (२)

चमरपट्टी में गाय मरल ते कोनो बात नै
बभनपट्टी में बेंग मरल हल्ला मचि गेल

हमर झोपड़ी खसाs के ओ महल बना लेलाs
फेर से दुछत्ती जे बनेलों ते हल्ला मचि गेल

ओ नोटक जोड़ पर बड़का नेता बनि गेल
हमर ईमान नै बिकल ते हल्ला मचि गेल

विदेशो में रहि, नै बिसरल अपन माटि के
एता गामों में बाजलों मैथिली हल्ला मचि गेल

नै बिसरब अपन माटि के करियों ई प्रण
जे सुनलक हमर ई गोप हल्ला मचि गेल


 

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