बुधवार, 16 मार्च 2011

ममता दीदी आ जाट आन्दोलन केलक ममता दीदी आ जाट आन्दोलन केलक मिथिला के आपन गाम मिममता दीदी आ जाट आन्दोलन केलक ममता दीदी आ जाट आन्दोलन केलक मिथिला के आपन गाम मिथिला के आपन गाम थिला के आपन गाम घोर से दूर होली पे नै भेटाय रहल ये गाम जाय के लेल टिकट

फागुन के खुमार चढ़े अपन परवान पर रहे जिधर देखियो रंग आ पिचकारी के दोकान लागल ये गुलिया बुच्ची सब दौड़-दौड़ के ओए दोकान से एय दोकान पर जाय रहल ये, सब ई फ़िराक में ये की कोन दोकान पर निक चीज़ भेटाय जायत. जेम्हर देखू उम्हरे रंगे-रंग देखे पड़य ये, चारो कात सररा सररा सररा के मस्ती में डूबल गीत आ भाँग के मस्ती में डूबल होलिबा के नाच से मोन आनंद के दुनिया में घुसी रहल रहे की तखने...............................बाबूजी जोड़ से चिल्लेलखिन यो बाऊ उठू  ने भोर भाय गेल ये, टिकट आनय ले नै जेबेय. मस्ती के खुमार एकै झटका में उतैर गेल, फटाफट उठलों मुंह-कान धोय के गेलों स्टेशन के दिस टिकट आनय ले। भीड़ देखि के करेजा मुंह में आयब गेल, आधा किलोमीटर से बेसी लम्बा लाईन लागल रहे। जेहना तेहना खाड़ भेलो ओ भीड़ में की मनोज झाजी के भी आगाँ में खाड़ देखलों नमस्कार पाती भेल, मनोज भाई दरभंगा के टिकट लेय ले आयल रहे मुदा भीड़ के देख के हुनकरो हालत ख़राब भेल रहे। ८ बजे से खाड़ भेल २ बजे टिकट काउंटर पर पहुँचलौ ते टिकट काटय वाला बाबूजी कहलक की ३५७ वोटिंग ये। आँख के आगाँ ट्रेन के ओ भीड़ भड़क्का द्रीष्य घुमे लागल.....चिल्ल पों......एक दोसर पर चढ़ल.....बच्चा के कानय के आवाज आ बहुत किछु एके मिनट में देखायल चैल गेल. टिकट काटय वाला बाबूजी के आवाज पर ध्यान बटल " भाई साहब लेना है या नहीं अगर नहीं लेना है तो साइड में आओ दुसरो को भी मौका दो" हिम्मत नै भेल हां करय के । आ भारी मोन से घोर दिस चललों बाबूजी गेटे पर कुर्सी लगाय के बैसल रहे  शायद गाम जाय के हुनको जल्दी रहे आर हुए भी किये नै पर्व त्यौहार पे ही गाम जाय के मौका भेटाय ये आ ओ ई मौका के छौडै ले नै चाहेत रहे। गेट पर पुछला बाऊ टिकट भेटल........आब की कही आँख नोरा गेल........कहलों बाबूजी टिकट नै लेलों बड वोटिंग रहे। हमर हिम्मत नै भेल अहाँ सब के ले के ओ भीड़ भड़क्का में सफ़र करय के माफ़ कैर दियो। बाबूजी के हमर नोराल आँख देखाय पैर गेल रहे ते दुवारे तखन ते किछ नै बाजला लेकिन भीतरे भीतर हुनका बड कचोट होयत रहे की गामक होली नै देख सकलोंई हाल बाबूजी आ हमरे टा नै मुदा हजारों लोक के छनि जे गाम-घर सं दूर दिल्ली...मुम्बई... हरियाणा आओर पंजाब दिस रहय छथिन्ह. पहिने जाए के मोन नहि छलन्हि आब भेलन्हि त टिकट नहि.

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