सोमवार, 21 मार्च 2011

शरीर से निकलय ये सूइयां !

ज्योतिष आ अन्धविश्वास दोनों के लिए ई ये एकटा अनबुझ पहेली, कियो नै पता लगाय पाय रहल ये की कोनाके सुई निकलय ये ज्योति के सरीर से
मोकामा के शिवनार गाँव के ज्योति कुमारी के घोरवाला आ डाक्टर के नज़र में ई कोनो अजूबा सब कम नै ये की एकटा सुई निकालय के बाद दोसर, आ दोसर निकालय के बाद तेसर सुई कोना हुनकर देह में आयब जाय छै।शरीर से निकलती हैं सूइयां!
अखन तक ज्योति के शारीर से दू टा सुइया निकायल जाय चुकल ये आर एक्स-रे रिपोर्ट में तेसर सुई के कंधा के पास हुए के पुष्टि भेल ये।डाक्टर सब हैरान छथिन कियाके ई हुनकर नज़र में कोनो बीमारी नै अछि। मुदा सवाल ई ये की अगर ई बीमारी नै अछि ते कोना के ज्योति के शरीर में सुइया आयब जाय ये।जाकर जवाब ककरो पास नै ये। ओ पिछला आठ महिना से ई असहनीय दर्द से गुजैर रहल ये आ ओकरा पते नै लाऐग रहल ये ई छिए की।

कैइकटा डॉक्टर हुनकर ईलाज केलखिन मुदा कोनो फायदा नै भेल. आब ते डाक्टर के दर्द के गोली भी कोनो असर नै करय ये. ज्योति के पिता अशोक मोची के ओ हालत नै ये की ओ ईलाज के ई खर्च के निक जोंका उठाय सके तखनो भी ओ यथसंभव कोशिश काय रहल ये।हुनकर परिजन भी ई कष्ट के देख के लाचार ये आ ओ भी ज्योति के कोनो मदद करय में अक्षम ये।

डाक्टर के दवाई से कोनो फायदा नै होइत देख ओ सब आब एकरा डायन के करतूत माने लागल ये. हुनकर सब के कहने ये की अगर गाम के भगत जी डायन के नाम बताय देताह ते डायन के जिन्दा नै रहेय ले देब. ज्योति के बहिन मधुमाला साफ़ कही रहल ये की हमर बहिन जे दर्द से गुजैर रहल ये हुनको याह सजा मिलतैय।

आब देखनाय ई ये की अगर हुनका निक चिकित्सा नै भेटथीन ते गामक लोग जरुर एकरा अंधविश्वास बूझे लागत आ ओ समय अगर सचमुच में भगत जी किनकरो नाम बताय देताह तो बेचारी के जान ते जरुरे ई सब गोटा मिल के लाय लेत. आब सरकार के चाही की ओ एकरा लेल अपन स्तर पर पहल कैर के ज्योति के निक चिकित्सा के व्यवस्था करे जाही सों गाम में अंधविश्वास के बढ़ावा नै मिल पाबय।

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