फगुआ के रंग में रंगल ये सोंसे बिहार। ई बेर फगुआ में बिहार के जोश के की कही जिधर देखियो रंग,पिचकारी के दोकान आ होली के गीत से बाज़ार लकदक करए ये। जेम्हर देखियो उम्हरे सब होली के गीत में मस्त नज़र आयब रहल ये। खास कए के ई बेर शीला आ मुन्नी के गीत ते बाज़ार में खास कए के बवाल मचोने ये। ई गीत एतय फूहड़ आ अश्लील ये की किछ कहल नै जाय .............
कनी गीत के बोल पर ध्यान दियो...
१) शीला की जवानी - पप्पू है रंगीला, प्रेमी नीला पिला...........
२) मुन्नी बदनाम हुई - होली में लाल हुई ओ सैयां तेरे लिए-3,बालम खेले होली करे ठिठोली भींगी चोली रे........
३) टिंकू जिया - गरमा गरम रंग डाले पिया हा लल्लू पिया,लाज बदन मेरा जड़ सा दिया........
एकर कारोबार एतय बढल जाय रहल अछि की कहनाय मुहाल ये लेकिन एकटा सत्य इहो ये की जा तक कीने वला के हाथ नै रुकते एकर कारोबार एहना चलैत रहते।एहनो नै ये की सभ्य समाज एकरा से वंचित ये छुप-छुप के ओ सब भी ई गीतक मज़ा लए से नै चुकै ये मुदा आमना सामना नै होए ये किछु समाज में अपन रुतबा आ किछु इज्ज़त के ख्याल कए के..........
कनी गीत के बोल पर ध्यान दियो...
१) शीला की जवानी - पप्पू है रंगीला, प्रेमी नीला पिला...........
२) मुन्नी बदनाम हुई - होली में लाल हुई ओ सैयां तेरे लिए-3,बालम खेले होली करे ठिठोली भींगी चोली रे........
३) टिंकू जिया - गरमा गरम रंग डाले पिया हा लल्लू पिया,लाज बदन मेरा जड़ सा दिया........
एकर कारोबार एतय बढल जाय रहल अछि की कहनाय मुहाल ये लेकिन एकटा सत्य इहो ये की जा तक कीने वला के हाथ नै रुकते एकर कारोबार एहना चलैत रहते।एहनो नै ये की सभ्य समाज एकरा से वंचित ये छुप-छुप के ओ सब भी ई गीतक मज़ा लए से नै चुकै ये मुदा आमना सामना नै होए ये किछु समाज में अपन रुतबा आ किछु इज्ज़त के ख्याल कए के..........
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अपन मोनक भावना के एते राखु