गुरुवार, 17 मार्च 2011

कटोरा वाला हाथ आब थामत बकरी के डोरी.........

जे हाथ में रहेत रहे कटोरा ओ हाथ में आब डोरी रहत। मोतीपुर गाँधी ग्राम कुष्ठाश्रम में रहे वाला परिवार भीख से मुक्ति के रास्ता खोज लेलक ये।आब ई बस्ती के लोग कटोरा छोड़ी के बकरी पालय के संकल्प नेने ये। पहिल चरण में दस परिवार बकरी पालत तकर बाद हुनकर संख्या बढ़त। बुधवार के एकर विधिवत शुरआत गाँधी कुष्ठाश्रम के संस्थापक सोमेश्वर दुबे के देख रेख में शुरू भेल। मुख्य अतिथि नगर पंचायत के उपाध्यक्ष बेबी गुप्ता जी रहे ओ कहलखिन जे समाज में हरेक आदमी के सम्मानजनक जीवन जिए के हक़ ये आ कुष्ठ बस्ती के लेल ई निक पहल ये। हम अपन स्तर पर ई बस्ती के विकाश के लेल पहल करब। स्तर रीच ऑफ़ इंडिया के सौजन्य से एक लाख पैसठ हज़ार के लागत से तीन दर्जन बकरी आ दू टा बकरा खरीदल गेल जाकर कुष्ठाश्रम के दस परिवार के दस टा महिला के देल गेल देखल जाय ते बिहार के लेल ई निक पहल ये एकरा से एकते भिखारी सब आत्मनिर्भर हायत आ भीख मांगे से मुक्ति भेटत आ साथ ही साथ बिहार के विकाश में सहयोग सेहो देत। देखनाय ई ये की ई कदम पब्लिसिटी के लेल ये या अंत तक हुनकर साथ देता आब ई ते आगाँ पता लागत मुदा जे भए रहल ये ओकरा ते नीके कहल जेता

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